रिटर्न भरना हुआ आसान, आईटीआर फाइल करने से पहले जान लें ये बात
ITR Filling 2025: आईटीआर के लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट फॉर्म 16 है। हर साल कंपनियां अपने कर्मचारियों को ये फॉर्म देती हैं।

टैक्सपेयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना जरूरी होता है। इसके लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट फॉर्म 16 है। हर साल कंपनियां अपने कर्मचारियों को ये फॉर्म देती हैं, जिससे पता चलता है कि साल भर में कितनी सैलरी मिली और उस पर कितना टैक्स कटा है। ये फॉर्म अब डिजिटल रूप में भी उपलब्ध होता है। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर आसानी से अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर फॉर्म 16 देख और डाउनलोड कर सकते हैं।
फॉर्म 16 एक तरह का सर्टिफिकेट होता है, जो यह बताता है कि कंपनी ने आपकी सैलरी में से कितना टैक्स काट रही है। इसके अलावा फॉर्म में जानकारी होती है कि यह टैक्स सरकार को जमा किया गया या नहीं। ये फॉर्म इनकम टैक्स कानून की धारा 203 के तहत दिया जाता है। सरकार ने सभी कंपनियों को आदेश दिया है कि वे हर साल 15 जून तक अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जरूर दें, ताकि लोग समय पर टैक्स रिटर्न फाइल कर सकें।
ये फॉर्म दो हिस्सों में बंटा होता है। पहले हिस्से यानी पार्ट A में टैक्सपेयर और कंपनी के पैन नंबर, TAN नंबर, जॉब टेन्योर और कितना टैक्स जमा किया गया इसकी जानकारी होती है। दूसरे हिस्से यानी पार्ट B में पूरी सैलरी का ब्रेकअप होता है जैसे कि बेसिक सैलरी, HRA, अन्य भत्ते, टैक्स में छूट कितनी ली गई और लास्ट में कुल टैक्सेबल इनकम होती है। इन सब जानकारियों की मदद से करदाता ITR फॉर्म सही तरीके से भर सकते हैं।
अब सवाल आता है कि फॉर्म 16 कहां से मिलेगा ? अधिकतर कंपनियां इसे ईमेल के जरिए भेजती हैं या फिर अपनी HR वेबसाइट पर अपलोड कर देती हैं। यहां से कर्मचारी फॉर्म को डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा TRACES नाम की सरकारी वेबसाइट पर जाकर भी टैक्स से जुड़ी जानकारी देख सकते हैं। हालांकि, वहां आपको पूरा फॉर्म 16 नहीं मिलेगा। लेकिन, यह जरूर जान सकते हैं कि आपके नाम से कितना TDS यानी टैक्स जमा हुआ है।
फॉर्म 16 मिलते ही सबसे जरूरी काम है कि उसमें दी गई जानकारी को अपने फॉर्म 26AS और AIS से मिलाना है। ये दोनों डॉक्यूमेंट इनकम टैक्स की साइट पर मिलते हैं। यह यह सुनिश्चित करते हैं कि कहीं रिटर्न में कोई गलती या मिसमैच तो नहीं है। अगर सब कुछ सही होता है तो टैक्सपेयर अपना ITR फॉर्म भर सकते हैं। अब तो कई ऑनलाइन साइट्स जैसे Cleartax, Taxbuddy वगैरह की मदद से फॉर्म 16 की डिटेल्स ऑटोमेटिक भर जाती हैं, जिससे गलती की गुंजाइश कम हो जाती है।
बता दें कि रिटर्न भरने के बाद उसे वेरीफाई करना न भूलें। आधार OTP, नेट बैंकिंग के जरिये आईटीआर वेरीफाई किया जा सकता हैं। अगर आईटीआर सही तरीके से फाइस होता है तो टैक्सपेयर को रिफंड भी जल्दी मिल जाता है।