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ITR Filling 2025: आम टैक्सपेयर से अलग Freelancer का रिटर्न प्रोसेस, जानें क्या है आईटीआर भरने का तरीका

ITR Filling 2025: आयकर विभाग ने सभी टैक्सपेयर के लिए रिटर्न नियम अलग किये हैं। हम इस आर्टिकल में जानते हैं कि फ्रीलांसर के लिए रिटर्न फाइल करने का नियम क्या है।

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अगर आप फ्रीलांसर हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना कभी-कभी पहेली जैसा लग सकता है, खासकर जब आपके पास फॉर्म 16 है। फ्रीलांसर के लिए आईटीआर फाइल करने का प्रोसेस अलग होता है। आइए, जानते हैं कि फ्रीलांसर बिना फॉर्म 16 के रिटर्न कैसे फाइल करें। 

सीए (डॉ.) सुरेश सुराना के अनुसार फ्रीलांसर को सबसे पहले पूरे वित्तीय वर्ष का बैंक स्टेटमेंट तैयार रखना चाहिए। उसमें जो भी इनकम आई है, खासकर क्लाइंट्स से मिली पेमेंट्स, उन्हें हाईलाइट करें और अपनी इनवॉइस से चेक करें।

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अगर आपकी सालाना इनकम ₹25 लाख से ज्यादा है, तो इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक बुक्स ऑफ अकाउंट रखना जरूरी है। लेकिन भले ही आपकी इनकम कम हो फिर भी एक्सपेंस और इनकम का रिकॉर्ड रखना फायदेमंद रहेगा।

TDS कटा है तो फॉर्म 26AS जरूर मिलाएं

अगर किसी क्लाइंट ने आपकी पेमेंट पर TDS काटा है, तो आप उनसे फॉर्म 16B या TDS सर्टिफिकेट जरूर लें। फिर 26AS और AIS (Annual Information Statement) से उसका मिलान करें कि सभी टैक्स कटौती सही से दिखाई दे रही है या नहीं।

अगर आपने विदेशी क्लाइंट्स से पेमेंट ली है, तो बैंक एडवाइस स्लिप्स, रेमिटेंस डिटेल्स और फॉरेन करेंसी कन्वर्जन रेट्स का रिकॉर्ड भी रखें, ताकि बाद में इनकम प्रूफ करने में दिक्कत न हो।

अगर आपने GST लिया है, तो अपने GST रिटर्न्स और इनकम के आंकड़े भी तैयार रखें। ये ITR में दी गई इनकम से मेल खाने चाहिए।

धारा 80C और 80D की छूट चाहिए?

अगर आप LIC, PPF, मेडिकल इंश्योरेंस या दूसरे निवेशों पर टैक्स छूट (Tax Deduction) लेना चाहते हैं, तो उनके रसीदें और पेमेंट प्रूफ पहले से जुटा लें।

कौन सा ITR फॉर्म भरें फ्रीलांसर?

अब सवाल आता है कि फ्रीलांसर को कौन-सा आईटीआर फॉर्म भरना चाहिए। इसको लेकर डॉ. सुराना बताते हैं कि फ्रीलांसर को अपनी इनकम 'Profits and Gains from Business or Profession' में दिखानी होती है।

अगर आप Presumptive Taxation (Section 44ADA) नहीं चुनते हैं, तो ITR-3 भरना चाहिए। इसमें आपको इनकम और खर्च दोनों डिटेल में दिखाने होते हैं।

अगर आप 44ADA के तहत 50% इनकम को टैक्सेबल मानते हैं, तो ITR-4 (Sugam) भर सकते हैं। इसमें हर खर्चा बताने की जरूरत नहीं होती।

क्या फ्रीलांसर अपने प्रोफेशनल खर्च दिखा सकते हैं?

हां, लेकिन सिर्फ तभी जब आप 44ADA स्कीम नहीं अपना रहे हों। डॉ. सुराना बताते हैं कि इंटरनेट बिल, लैपटॉप, सॉफ्टवेयर टूल्स, कोवर्किंग स्पेस का किराया, ट्रैवल खर्च, मार्केटिंग आदि खर्चों को आप इनकम से घटा सकते हैं।

अगर आपने 44ADA स्कीम अपनाई है, तो खर्चे अलग से दिखाने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि माना जाता है कि 50% इनकम में सभी खर्च शामिल हैं।

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क्या फ्रीलांसर को एडवांस टैक्स देना पड़ता है?

अगर आपकी टोटल टैक्स देनदारी ₹10,000 से ज्यादा बनती है, तो एडवांस टैक्स देना अनिवार्य है। जो फ्रीलांसर 44ADA स्कीम में नहीं हैं, उन्हें यह टैक्स चार किस्तों में देना होता है। वहीं, अगर आपने टैक्स टाइम से नहीं भरा, तो सेक्शन 234B और 234C के तहत ब्याज देना पड़ेगा।

फ्रीलांसर से होने वाली आम गलतियां

डॉ. सुराना बताते हैं कि अक्सर फ्रीलांसर हर इनकम की जानकारी नहीं देते, खासकर जब वह विदेश से आती है या कई प्लेटफॉर्म से मिलती है। कई बार खर्चों के बिल या रिकॉर्ड भी नहीं रखे जाते, जिससे टैक्स में गलती हो सकती है।

कुछ लोग पर्सनल खर्चों को भी प्रोफेशनल दिखा देते हैं, जिससे बाद में टैक्स विभाग की तरफ से परेशानी आ सकती है। साथ ही गलत ITR फॉर्म भरना या प्रोफेशनल इनकम को गलत कैटेगरी में डालना भी बड़ी गलती है।