scorecardresearch

एक्सीडेंट से पहले अलर्ट! डेटा कैसे बदल रहा है सड़क सुरक्षा का सिस्टम

आज की मोबिलिटी सर्विस में सुरक्षा सिर्फ हादसे के बाद की कार्रवाई नहीं रह गई है। यह पहले से ही, चुपचाप और डेटा के सहारे तय हो रही है। हर राइड अपने साथ कई मैसेज छोड़ती है जैसे- रूट से बार-बार भटकना, कम रेटिंग, लगातार कैंसलेशन, शिकायतों का पैटर्न या असामान्य व्यवहार। जब इन संकेतों को समय रहते समझ लिया जाता है, तो प्लेटफॉर्म नुकसान होने से पहले कदम उठा सकते हैं।

Advertisement
AI Generated Image

Bike Taxi Ban: महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) बाइक टैक्सियों पर रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद शहरी मोबिलिटी को लेकर बहस फिर तेज हो गई है। सवाल यह है कि क्या बाइक टैक्सियों को शहर की सड़कों पर चलने देना चाहिए। लेकिन इस बहस में एक अहम पहलू अक्सर छूट जाता है कि आजकल के ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा असल में कैसे काम करती है।

advertisement

सम्बंधित ख़बरें

आज की मोबिलिटी सर्विस में सुरक्षा सिर्फ हादसे के बाद की कार्रवाई नहीं रह गई है। यह पहले से ही, चुपचाप और डेटा के सहारे तय हो रही है। हर राइड अपने साथ कई मैसेज छोड़ती है जैसे- रूट से बार-बार भटकना, कम रेटिंग, लगातार कैंसलेशन, शिकायतों का पैटर्न या असामान्य व्यवहार। जब इन संकेतों को समय रहते समझ लिया जाता है, तो प्लेटफॉर्म नुकसान होने से पहले कदम उठा सकते हैं।

बाइक टैक्सी प्लेटफॉर्म Rapido इसका उदाहरण है। कंपनी राइड डेटा का इस्तेमाल सिर्फ रिकॉर्ड रखने के लिए नहीं करती, बल्कि इसे निवारक सुरक्षा टूल की तरह देखती है। किसी खास तरह का व्यवहार दिखने पर ड्राइवर की री-ट्रेनिंग, ऑडिट या सस्पेंशन तक का फैसला लिया जाता है। इससे सुरक्षा का फोकस प्रतिक्रिया से हटकर रोकथाम पर आ जाता है।

रैपिडो में वाइस प्रेसिडेंट- कस्टमर सर्विस डिलीवरी, रिजवान शेख ने कहा कि पारंपरिक सिस्टम घटनाओं का इंतजार करते हैं। डेटा-आधारित सिस्टम हमें जोखिम को जल्दी पहचानने और बढ़ने से पहले कार्रवाई करने की अनुमति देते हैं।

मौजूदा हालात में यह फर्क और अहम हो जाता है। जब ऐप-आधारित बाइक टैक्सियों पर रोक लगती है, तो शहरों में सफर की जरूरत खत्म नहीं होती। यह मांग अक्सर अनौपचारिक, बिना ऐप वाली बाइक राइड्स की तरफ चली जाती है, जहां न तो डिजिटल रिकॉर्ड होता है, न ट्रैकिंग और न ही व्यवहार की निगरानी।

डेटा प्लेटफॉर्म की ताकत यह है कि वे एक-दो घटनाओं नहीं, बल्कि हजारों राइड्स को एक साथ देखते हैं। एक अकेली शिकायत कुछ नहीं बताती, लेकिन बार-बार दिखने वाले संकेत सिस्टम की खामी उजागर कर देते हैं। यह काम सुर्खियों में नहीं आता, क्योंकि जब जोखिम पहले ही संभाल लिया जाए तो कोई बड़ा हादसा होता ही नहीं।