कोरोना के बाद अब Mpox का बढ़ता खौफ, देश में पहला केस मिला
कीपॉक्स के बढ़ते मामलों और देश में पहले संदिग्ध केस के सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सभी संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने की सिफारिश की गई है।

मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों और देश में पहले संदिग्ध केस के सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सभी संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने की सिफारिश की गई है। इससे पहले, दिल्ली सरकार ने अपने तीन प्रमुख अस्पतालों में एमपॉक्स के लिए आइसोलेशन रूम स्थापित करने के निर्देश दिए थे। ये अस्पताल हैं: एलएनजेपी, जीटीबी, और बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल।
एमपॉक्स क्या है?
एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का हिस्सा है। इसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था। इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने 1958 में बंदरों में 'पॉक्स जैसी' बीमारी के प्रकोप के दौरान की थी।
एमपॉक्स कैसे फैलता है?
यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से फैलता है। त्वचा, मुंह, या जननांगों के घावों के सीधे संपर्क से यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में, यह वायरस अधिकतर उन लोगों में देखा गया है जो संक्रमित जानवरों के संपर्क में आते हैं। यह दूषित वस्त्र, लिनेन, या सार्वजनिक स्थानों पर उपयोग की गई चीजों से भी फैल सकता है। इसके अलावा, संक्रमित जानवरों के काटने, खरोंचने या उन्हें खाने से भी वायरस मनुष्यों में फैल सकता है।
लक्षण क्या हैं?
एमपॉक्स से संक्रमित लोगों के शरीर पर आमतौर पर दाने निकलते हैं, जो हाथ, पैर, छाती, चेहरे, या जननांगों के आसपास होते हैं। ये दाने धीरे-धीरे मवाद भरे फुंसियों में बदल जाते हैं और ठीक होने से पहले पपड़ी बनाते हैं। अन्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और लिम्फ नोड्स की सूजन शामिल हैं। दुर्लभ मामलों में यह वायरस जानलेवा भी हो सकता है।
लक्षण कितने दिनों तक रहते हैं?
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, एमपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के अंदर प्रकट होते हैं। लक्षण दिखने का समय 3 से 17 दिन का होता है। इस दौरान, व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन लक्षण प्रकट होते ही वायरस का असर दिखने लगता है।