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Mukesh Ambani अपनी मुट्ठी में क्या करने जा रहे हैं?

Mukesh Ambani अब फाइनेंशियल इंडस्ट्री में उतरने जा रहे हैं। इस कंपनी का नामकरण भी हो चुका है। प्रस्ताव के मुताबिक इस कंपनी का नाम जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड होगा। दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानि RIL, रिलायंस स्ट्रैटजिक इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड (RSIL) से अलग हो जाएगी।

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Mukesh Ambani अब फाइनेंशियल इंडस्ट्री में उतरने जा रहे हैं
Mukesh Ambani अब फाइनेंशियल इंडस्ट्री में उतरने जा रहे हैं

जब भी मुकेश अंबानी किसी नए बिजनेस की शुरुआत करते हैं उस सेक्टर में खलबली मचा देते हैं। चाहे बात जियो की हो, रिटेल की हो या फिर दूसरे बिजनेसेस की, मार्केट में आते ही रिलायंस नई वॉर छेड़ सकता है, जिसका गहरा असर उस सेक्टर में मौजूद दूसरी कंपनियों को झेलना पड़ता है।

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Market में आते ही रिलायंस नई वॉर छेड़ सकता है
Market में आते ही रिलायंस नई वॉर छेड़ सकता है

अब भी ये ही होने जा रहा है। मुकेश अंबानी अब फाइनेंशियल इंडस्ट्री में उतरने जा रहे हैं। इस कंपनी का नाम करण भी हो चुका है। प्रस्ताव के मुताबिक इस कंपनी का नाम जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड होगा। दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानि RIL, रिलायंस स्ट्रैटजिक इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड (RSIL) से अलग हो जाएगी। इसके लिए कंपनी को शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स से हरी झंडी मिल गई है।

Company का नाम जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड होगा।
Company का नाम जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड होगा।

रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक रिलायंस की डिमर्जर स्कीम के फेवर में 100 प्रतिशत वोट मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को दीवाली तक शेयर मार्केट में लिस्ट करा सकते हैं।

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अब ऐसे में सबसे पहला सवाल उठता है कि रिलायंस की नई कंपनी में किन कंपनियों से मिलकर बनेगी? तो आपको बता दें कि फाइनेंशियल सर्विसेज ने 6 कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लिमिटेड, रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस, जियो पेमेंट्स बैंक, रिलायंस रिटेल फाइनेंस, जियो इंफॉर्मेशन एग्रीगेटर सर्विसेज और रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस ब्रोकिंग को मिलाकर बनेगी। 

RIL, रिलायंस स्ट्रैटजिक इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड (RSIL) से अलग हो जाएगी
RIL, रिलायंस स्ट्रैटजिक इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड (RSIL) से अलग हो जाएगी

अब जानते हैं कि मुकेश अंबानी की ये नई कंपनी करेगी क्या? रिलायंस की नई कंपनी पेमेंट सॉल्यूशंस, जियो पेमेंट्स बैंक, रिटेल फाइनेंस, रिटेल इंश्योरेंस ब्रोकिंग और बाद में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में भी उतरने जा रही है। सेंट्रम ब्रोकिंग की कैलकुलेशन के मुताबिक जियो फाइनेंशियल अपने नेटवर्थ के हिसाब से देश का पांचवां सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी बन जाएगी।

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जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के बाद कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फाइनेंस का नंबर आएगा। मौजूदा वक्त में NBFC की कुल नेटवर्थ मार्केट वैल्यू के हिसाब से 10.84 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। इसक सीधा मतलब है कि बैंक,NBFC और फिनटेक कंपनियों को कड़ी चुनौती मिलना तय है।

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NBFC और फिनटेक कंपनियों को कड़ी चुनौती मिलना तय है।
NBFC और फिनटेक कंपनियों को कड़ी चुनौती मिलना तय है।

अब ये भी समझ लेते हैं कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की जिम्मेदारी किसके कंधों पर है। ICICI बैंक के पूर्व बॉस केवी कामथ ने रिलायंस में नॉन एग्जीक्यूटिव चैयरमेन के तौर पर ज्वाइन किया है। उनका फायदा अब इस कंपनी में देखने को मिलेगा। जियो फाइनेंशियल केवी कामथ के शानदार एक्सपीरियंस का फायदा उठाकर NBFC और फिनटेक स्पेस में लीडर बनने की सोच रही है। वहीं McLaren Strategic Ventures में टॉप एग्जीक्यूटिव रहे हितेश सेठिया को कंपनी का CEO बनाया गया है।

Reliance का कंज्यूमर बेस पहले से ही मौजूद है।
Reliance का कंज्यूमर बेस पहले से ही मौजूद है।

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पूरे देश में रिलायंस का कंज्यूमर बेस पहले से ही मौजूद है। एक अनुमान के मुताबिक सभी कंपनियों के कस्टमर को जोड़ दिया जाए तो ये करीब 2 करोड़ होते हैं। इसका मतलब है पहले से ही रिलायंस के पास बड़ा कंज्यूमर बेस है। ऐसे में फाइनेंशियल सेक्टर में रिलायंस की एंट्री का सीधा असर पेटीएम और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों पर देखने को मिलेगा।

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