
'रैलियों में नफरत भरे भाषण-हिंसा ना हो' सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा
देश के कई राज्यों मे हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच कई राज्यों के जिले रणछेत्र मे तब्दील हो चुके हैं। इसी बीच लगातार सरकारों के ऊपर सुरक्षा व्यवसथा को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे है। अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से गुहार लगाते हुए कहा है की रैलियों में अब से कोई भी नफरत भरे भाषण-हिंसा का प्रयोग ना करे।

हरियाणा के मेवात-नूंह में हुई हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर दिल्ल-NCR में होने वाले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्श में कोई भी नफरत भरे भाषण और उल्लंघन न हों। हालांकि शीर्ष अदालत ने किसी भी विरोध प्रदर्शन या रैलियों पर रोक नहीं लगाई है। जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से रैलियों में पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि वहां कोई नफरत भरे भाषण और हिंसा न हो. बेंच ने निर्देश दिया कि रैलियों की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए और जहां भी संभव हो सीसीटीवी का उपयोग किया जाएगा।
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शीर्ष अदालत ने यह आदेश तब पारित किया जब पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि हिंदू दक्षिणपंथी समूह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के कई हिस्सों में 23 प्रदर्शनों की घोषणा की गई है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसके बाद मामले को न्यायमूर्ति खन्ना और न्यायमूर्ति भट्टी की बेंच को सौंपा गया। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2022 और अप्रैल 2023 में पुलिस को नफरत भरे भाषण अपराधों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था, जिसका अनुपालन किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने बेंच को बताया कि आज दिल्ली-NCR में 23 रैलियां हो रही हैं और 5-6 रैलियां होनी बाकी हैं, लेकिन ये संवेदनशील इलाकों में हो रही हैं और स्थिति अस्थिर हो सकती है। वहीं, 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने हरियाणा हिंसा पर एक याचिका पर नोटिस जारी किया है. साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तय की है।
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