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Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल: खालिदा जिया 6 साल बाद हुई जेल से रिहा, भ्रष्टाचार के आरोपों में 2018 में गई थीं जेल 

बेगम खालिदा जिया की रिहाई तब हुई है, जब बांग्लादेश अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना अपनी पार्टी के खिलाफ व्याप्त हिंसा के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भाग गईं।

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खालिदा जिया 6 साल बाद हुई जेल से रिहा
खालिदा जिया 6 साल बाद हुई जेल से रिहा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को जेल से रिहा कर दिया गया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। बेगम खालिदा जिया की रिहाई तब हुई है, जब बांग्लादेश अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना अपनी पार्टी के खिलाफ व्याप्त हिंसा के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भाग गईं।

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खालिदा जिया, जो बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी जो साल 2018 से भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में 17 साल की सजा काट रही थीं। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने शेख हसीना के देश छोड़कर भागने के महज कुछ घंटों बाद खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया।

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खालिदा जिया पहली बार साल 1991 में प्रधानमंत्री बनीं थी और साल 1996 तक इस पद पर रहीं। उनका बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल 2001 से 2006 तक रहा।

बांग्लादेश में क्या हो रहा है? 

बांग्लादेश अपने इतिहास के सबसे खूनी प्रदर्शनों का सामना कर रहा है, जहां शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं। प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद भी प्रदर्शन जारी हैं।

जबकि हिंसा आरक्षण नीति के खिलाफ प्रदर्शनों से शुरू हुई थी, जिसका आरोप है कि यह केवल अवामी लीग समर्थकों को फ़ायदा पहुंचाती है, लेकिन अब बांग्लादेश में व्यापक आगजनी और तोड़फोड़ देखी जा रही है। इस कहालत के बीच बांग्लादेश की अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय भी निशाने पर है, कई मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है।

हिंसा के बीच कई बैंकों को लूटा गया। मंगलवार को ढाका में प्रधानमंत्री कार्यालय भी तोड़फोड़ का शिकार हुआ और कई महत्वपूर्ण फाइलें "चोरी" कर ली गईं।

खालिदा जिया का राजनीतिक करियर

खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के दीनाजपुर में हुआ था। 1959 में उन्होंने जिया उर रहमान से शादी की, जो बाद में बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने। उनके पति की 1981 में हत्या के बाद खालिदा जिया ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की और 1984 में बीएनपी की अध्यक्ष बनीं।

1991 में विपक्ष की जीत के बाद खालिदा जिया प्रधानमंत्री चुनी गईं और बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने 1991 से 1996 तक और फिर 2001 से 2006 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

2007 में एक सेना समर्थित सरकार ने खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया था। 2018 में एक ढाका अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 साल की सजा सुनाई थी।

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अब आगे क्या होगा?  

बांग्लादेश में अस्थिरता जारी है और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। खालिदा जिया की रिहाई से राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है और वह फिर से सत्ता हासिल करने की कोशिश कर सकती हैं। हालांकि, उनकी सेहत ठीक नहीं है और वह अस्पताल में भर्ती हैं।

अंतरिम सरकार के गठन और उसकी संरचना पर निर्भर करेगा कि बांग्लादेश में शांति कब लौटती है। संयुक्त राष्ट्र की विशेष रैपोर्टर आइरीन खान का कहना है कि सेना के सामने एक बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने आशा जताई कि संक्रमण शांतिपूर्ण तरीके से होगा और जो मानवाधिकार उल्लंघन हुए हैं, उनके लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।