Bangladesh की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina ने दिया इस्तीफा
पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के माध्यम से व्यापक विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता के बीच अपने इस्तीफे के बाद लंदन की ओर रवाना।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भारत होते हुए लंदन जाने का निर्णय लिया है। उनके इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है, जिसके चलते हसीना ने सुरक्षा कारणों से देश छोड़ने का फैसला किया।
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इस्तीफे के बाद की स्थिति
शेख हसीना का इस्तीफा बांग्लादेश में चल रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच आया है, जिसमें 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ये प्रदर्शन मुख्य रूप से सरकारी नौकरी में आरक्षण प्रणाली को लेकर हो रहे थे, जिसे कई लोगों ने असमान और भेदभावपूर्ण माना। इस स्थिति ने हसीना की सरकार को कमजोर कर दिया, और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
भारत के माध्यम से लंदन की यात्रा
रिपोर्टों के अनुसार, हसीना ने अपनी यात्रा भारत के त्रिपुरा राज्य के अगर्तला से शुरू की। पहले उन्हें यह माना गया था कि वे सीधे दिल्ली जाएंगी, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद, हसीना ने अगरतला से दिल्ली की ओर उड़ान भरी।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक C-130 विमान को ट्रैक किया, जिसमें हसीना और उनके कुछ सहयोगी मौजूद थे। यह विमान भारतीय सीमा के करीब से उड़ान भरते हुए दिल्ली की ओर बढ़ रहा था।
दिल्ली में संभावित आगमन
हसीना का दिल्ली में आगमन भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों की जटिलता को दर्शाता है। भारतीय अधिकारियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे हसीना को राजनीतिक शरण नहीं देंगे, लेकिन उन्होंने सुरक्षा सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
हसीना के आगमन के बाद, वे संभावित रूप से लंदन की ओर बढ़ेंगी, जहां उन्हें राजनीतिक शरण मिलने की संभावना है। यह यात्रा न केवल उनके लिए बल्कि बांग्लादेश की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि हसीना के भविष्य की योजनाएं क्या हैं।
भारत-बांग्लादेश संबंध
हसीना की यात्रा भारत-बांग्लादेश संबंधों को प्रभावित कर सकती है। हसीना ने हमेशा भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश की है, और उनके इस कदम से यह संकेत मिलता है कि वे अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की तलाश कर रही हैं। हसीना का भारत के माध्यम से लंदन जाना यह दर्शाता है कि वे अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।