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अब अल्फांसो नहीं, ये गुजराती आम है एक्सपोर्ट का बादशाह; दुनिया में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा

भारत में ही नहीं विदेशों में भी आम को काफी पसंद किया जाता है। पहले जहां इंटरनेशनल मार्केट में अल्फांसो आम की डिमांड थी अब उसकी जगह गुजरात के केसरी आम ने ले ली है।

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भारत में उगने वाला आम (Mango) सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बहुत पसंद किया जाता है। अब तक महाराष्ट्र का अल्फांसो आम (Alphonso Mango) सबसे ज्यादा बिकने वाला आम माना जाता था, लेकिन अब इसकी जगह गुजरात का केसर आम (Kesar Mango) ले चुका है।

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वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024-25 में भारत ने करीब 11.48 मिलियन डॉलर का केसर आम विदेशों को बेचा, जबकि अल्फांसो आम का एक्सपोर्ट 8.56 मिलियन डॉलर ही रहा। यह बदलाव पिछले तीन साल में आया है, जब तक अल्फांसो ही सबसे ज़्यादा निर्यात होने वाला आम था।

बता दें कि भारत से आम का सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, सऊदी अरब, कनाडा, जर्मनी, कुवैत, ओमान, यमन और नीदरलैंड जैसे देशों में होता है। यह दिखाता है कि भारतीय आम पूरी दुनिया में कितना पसंद किया जाता है।

कुछ साल पहले तक केवल अल्फांसो आम को ही निर्यात की इजाजत थी, क्योंकि दूसरे आम सरकारी मानकों को पूरा नहीं करते थे। लेकिन अब दशहरी, चौसा, तोतापरी और केसर जैसे आम भी इन मानकों पर खरे उतरने लगे हैं। इसके चलते अब इन वैरायटीज का भी एक्सपोर्ट हो रहा है।

केसर और अन्य आमों की कीमत अल्फांसो से कम होती है, जिससे विदेशी खरीदार इन्हें ज्यादा खरीद रहे हैं। स्वाद में ये भी शानदार होते हैं और दाम कम होने से इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। भारत पूरी दुनिया के करीब 40% आम अकेले पैदा करता है। हालांकि इसमें से ज्यादातर आम भारत में ही खपत हो जाते हैं। देश में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य सबसे बड़े आम उत्पादक हैं।

केसर के अलावा दशहरी, चौसा और तोतापरी आम की भी विदेशों में मांग तेजी से बढ़ रही है। अब भारत से सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई तरह के आम विदेशों में भेजे जा रहे हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचा रहे हैं।