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Vande Bharat: PM मोदी ने किया दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज पर वंदे भारत को रवाना, श्रीनगर से कटरा का सफर हुआ आसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब ब्रिज और अंजी खड्ड ब्रिज का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कटरा से श्रीनगर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

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PM Modi inaugurates Vande Bharat.
PM Modi inaugurates Vande Bharat.

जम्मू से श्रीनगर की दूरी अब और आसान हो गई है। शुक्रवार का दिन भारतीय रेलवे और जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-श्रीनगर रेल रूट की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने दो बेहद खास ब्रिज चिनाब ब्रिज और अंजी खड्ड ब्रिज का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कटरा से श्रीनगर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

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प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह 11 बजे चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का उद्घाटन किया। चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज है, जिसकी ऊंचाई 1178 फीट है। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी खुद लोकोपायलट की सीट पर बैठे और ट्रेन चलाने का एक्सपीरियंस भी लिया। इसके बाद उन्होंने दोपहर 12:30 बजे कटरा स्टेशन से श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना किया।

अब यात्रियों को कटरा से श्रीनगर के लिए वंदे भारत ट्रेन की सुविधा मिलेगी। यह ट्रेन 7 जून से शुरू हो रही है और हफ्ते में 6 दिन चलेगी। टिकट IRCTC की वेबसाइट पर आसानी से बुक किए जा सकेंगे। इस ट्रेन के चलने से यात्रा का समय भी कम हो जाएगा और सफर आरामदायक भी होगा।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस मौके पर खुशी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "अब सपने नहीं, हकीकत बुनते हैं।" उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत को कश्मीर से जोड़ने का मजबूत कदम है।

चिनाब ब्रिज की ऊंचाई समुद्र तल से 359 मीटर है, यानी यह एफिल टावर से भी ऊंचा है। इसकी लंबाई करीब 1315 मीटर है और इसे बनाने में करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह भारत की इंजीनियरिंग शक्ति का एक शानदार उदाहरण है। वहीं, अंजी ब्रिज भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज है। यह भी जम्मू-श्रीनगर रेल रूट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह ब्रिज एक कठिन इलाके में बना है, जहां निर्माण करना बेहद चुनौतीपूर्ण था।

रेलवे अधिकारियों ने जनवरी 2025 में इस रूट पर सफल ट्रायल रन किया था। 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन ने चिनाब ब्रिज को पार किया था। इसके बाद ही यह तय किया गया कि रूट संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है। CRS दिनेश चंद देशवाल ने कहा कि यह रूट तकनीकी रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है, लेकिन अब पूरी तरह सुरक्षित है। ट्रैक पर 180 डिग्री की चढ़ाई है, लेकिन ट्रायल में कोई दिक्कत नहीं आई।

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