
जहां पड़े Chandrayaan-2 के पदचिह्न वो जगह अब होगी 'तिरंगा प्वाइंट', वैज्ञानिकों से मिले PM Modi
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा करते हुए कहा, 'चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब 'तिरंगा' कहलाएगा। ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा। ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।' पीएम मोदी ने कहा, 'एक समय था जब हमारी गिनती Third Row में होती थी।

जिस स्थान पर Chandrayaan-3 का चंद्रमा लैंडर उतरा, उस प्वाइंट को अब 'Shiv Shakti' के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री Narendra Modi ने बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रमा के जिस स्थान पर Chandrayaan-2 ने अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वो प्वाइंट अब तिरंगा कहलाएगा। इसके साथ ही एक और अहम ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया उस दिन को अब ‘National Space Day’ के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'आप सभी के बीच आकर आज एक अलग ही खुशी महसूस कर रहा हूं। शायद ऐसी खुशी बहुत दुर्लभ अवसरों पर होती है, जब ऐसी घटनाएं घटती हैं कि बेसब्री हावी हो जाती हैं। इस बार मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है।'
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'शिवशक्ति' के नाम से जाना जाएगा चंद्रयान 3 का लैंडिंग प्वाइंट। पीएम मोदी ने कहा, 'हम वहां पहुंचे जहां कोई नहीं पहुंचा था। हमने वो किया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया। मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वह दिन, वह एक-एक सेकंड बार-बार घूम रहा है। जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा है, अब उस Point को 'शिवशक्ति' के नाम से जाना जाएगा।'

चंद्रयान 2 का लैंडिंग प्वाइंट का नाम होगा तिरंगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा करते हुए कहा, 'चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब 'तिरंगा' कहलाएगा। ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।' पीएम मोदी ने कहा, 'एक समय था जब हमारी गिनती Third Row में होती थी। आज ट्रेड से लेकर technology तक, भारत की गिनती पहली पंक्ति यानी 'First Row' में खड़े देशों में हो रही है। 'Third row' से 'First row' तक की इस यात्रा में हमारे 'ISRO' जैसे संस्थानों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।'
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