TCS का टूटेगा रिकॉर्ड! IT सेक्टर में आने वाला है सबसे बड़ा IPO
घरेलू बाजार में अभी IT सेक्टर के सबसे बड़े IPO का रिकॉर्ड Tata Group की IT कंपनी TCS के नाम दर्ज है, जो भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी भी है।

IPO के बाजार में एक और कंपनी का नाम जुड़ने वाला है। IT सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी Hexaware Technologies ने बाजार नियामक SEBI के पास IPO को लेकर ड्राफ्ट पेपर (DRHP) जमा किया है। आपको बता दें कि ये कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड रह चुकी है और साल 2020 में डिलिस्ट हुई थी।
IT सेक्टर का सबसे बड़ा IPO!
Hexaware Technologies की योजना 9,950 हजार करोड़ रुपये का भारी-भरकम IPO लाने की है। अगर SEBI की से कंपनी को मंजूरी मिल जाती है तो प्रस्तावित IPO के नाम नए रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। उसका नाम देश के अब तक के सबसे बड़े IPO की कतार में शामिल हो जाएगा। वहीं IT सेक्टर के लिए ये अब तक का सबसे बड़ा IPO हो जाएगा।
TCS का टूटेगा रिकॉर्ड!
घरेलू बाजार में अभी IT सेक्टर के सबसे बड़े IPO का रिकॉर्ड Tata Group की IT कंपनी TCS के नाम दर्ज है, जो भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी भी है। आपको बता दें कि Tata Consultancy Services का करीब 2 दशक पहले 4,713 करोड़ रुपये का IPO आया था। Hexaware Technologies का प्लान करीब 10,000 करोड़ का IPO लाने का है। इस हिसाब से देखा जाए तो TCS के मुकाबले हेक्यावेयर टेक का प्रस्तावित IPO लगभग दोगुना है।
DRHP के मुताबिक
DRHP के मुताबिक, IPO में सिर्फ ऑफर फॉर सेल होगा। हेक्सावेयर टेक ने अपने IPO के लिए 5 इनवेस्टमेंट बैंकों जैसे कोटक इन्वेस्टमैंट बैंकिंग, सिटी ग्लोबल मार्केट्स, JP मॉर्गन, HSBC सिक्योरिटीज और IIFL सिक्योरिटीज को मैनेजर बनाया गया है। आपको बता दें कि हेक्सावेयर टेक में अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म Carlyle Group प्रमोटर है। Carlyle के पास हेक्सावेयर टेक में करीब 95 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कंपनी का बिजनेस मॉडल
हेक्सावेयर टेक एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी है। इसके दुनिया भर में करीब 61 ऑफिस हैं। कंपनी के पास कुल 31 हजार कर्मचारी और 370 क्लाइंट्स हैं। कंपनी ने सालाना 1.3 अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया है। कंपनी का कोर बिजनेस आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस है।
पहले भी लिस्ट हो चुकी है कंपनी
IT कंपनी Hexaware Technologies पहले शेयर बाजार में लिस्टेड रह चुकी है। करीब 20 साल पहले जून 2002 में कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हुई थी। हालांकि साल 2020 में ये डीलिस्ट करा दी गई थी। पुरानी प्रमोटर कंपनी बेयरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया ने कंपनी को प्राइवेट करने का निर्णय लिया था।