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Nifty Outlook: FIIs भारत में माल बेच रहे हैं, चीन में खरीद रहे हैं?

अक्तूबर के महीने में विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार माल बेच रहे हैं तो क्या चीन को इसका फायदा मिलेगा। सवाल ये भी है कि क्या दीवाली तक हैवी सेलिंग भारतीय बाजारों में मंदी ला सकती है।

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अक्तूबर के महीने में विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार माल बेच रहे हैं तो क्या चीन को इसका फायदा मिलेगा। सवाल ये भी है कि क्या दीवाली तक हैवी सेलिंग भारतीय बाजारों में मंदी ला सकती है।

1 अक्टूबर को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय शेयरों में $621.4 मिलियन की बिकवाली की, जबकि सितंबर के अंतिम ट्रेडिंग दिन में $767 मिलियन की बिकवाली हुई थी। इस लगातार बिकवाली ने भारत शेयर बाजार में मंदी ला दी है। लेकिन सबसे ज्यादा बिकवाली आई 3 अक्तूबर को जब विदेशी निवेशकों ने 15,243 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए

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चीन में क्यों जा रहा है पैसा

चीन के बाजारों के सस्ते वैल्युएशन है। कोविड के बाद से चीन का बाजार लगातार मंदी का शिकार था। हाल ही में चीन की सरकार ने इकोनॉमी को बड़ा राहत पैकेज दिया है और साथ ही रियल्टी सेक्टर को बेल आउट पैकेज दिया है। चीन ने कर्ज सस्ता कर दिया है। इन सभी वजहों के चलते सेंटीमेंट मजबूत हुए है।

आगे का रास्ता क्या?

बाजार के एक्सपर्ट अभिषेक शुक्ला के मुताबिक अगर चीन में रेट कट और होता है तो इसका फायदा चीन के कुछ सेक्टर्स को हो सकता है। भारत में भी इंटरेस्ट रेट कट होने से बाजार को हल्का सा पुश मिल सकता है लेकिन सबसे बड़ी चिंता क्रूड के प्राइस को लेकर है। अगर क्रूड 90 डॉलर के ऊपर जाता है तो भारतीय बाजारों में गिरावट बढ़ सकता है। ईरान-इजरायल युद्ध में अगर इजरायल ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी और तेल रिफाइनरी को टारगेट करता है तो क्रूड के दाम तेजी से बढेंगे और इससे बाजार में गिरावट और बढ़ेगी। 

सेबी के डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर नए प्रतिबंधों को लेकर FPI की चिंताएं

चीनी बाजार में तेजी के अलावा, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि एफपीआई भारतीय बाजारों में सेबी द्वारा डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर नए प्रतिबंध लगाने की योजनाओं को लेकर भी चिंतित हैं। इस नियामक कदम ने भारतीय बाजारों के आस-पास अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है, जिससे एफपीआई की बिकवाली प्रभावित हो सकती है।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।