लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त कई बार समझदार लोग भी कर देते हैं ये गलतियां! कहीं आपने भी तो नहीं की?
हैरानी की बात है कि कई ‘स्मार्ट’ निवेशक भी बीमा को लेकर गंभीर नहीं होते। वे या तो इसे ‘नुकसान वाला सौदा’ मानते हैं, या सस्ते विकल्पों की खोज में असली सुरक्षा से समझौता कर बैठते हैं।

Insurance Buying Mistakes : निवेशकों को अक्सर लगता है कि बीमा केवल एक खर्च है या टैक्स बचाने का जरिया है। लेकिन हकीकत यह है कि एक मजबूत बीमा कवर, आपकी पूरी निवेश योजना की बुनियाद है। बीमा वह सुरक्षा कवच है, जो आपके निवेश को अप्रत्याशित झटकों से बचाता है। फिर भी, बीमा को लेकर कई फैसले निवेशक जल्दबाजी में या गलतफहमियों के चलते लेते हैं।
कल्पना कीजिए कि आपने सालों की प्लानिंग से एक मजबूत निवेश पोर्टफोलियो तैयार किया, लेकिन अचानक कोई गंभीर बीमारी या पारिवारिक संकट आता है, और सारा खाका बिगड़ जाता है। ऐसी घटनाएं निवेश को खत्म नहीं करतीं, पर उसका मकसद और दिशा जरूर बदल देती हैं।
फिर भी, हैरानी की बात है कि कई ‘स्मार्ट’ निवेशक भी बीमा को लेकर गंभीर नहीं होते। वे या तो इसे ‘नुकसान वाला सौदा’ मानते हैं, या सस्ते विकल्पों की खोज में असली सुरक्षा से समझौता कर बैठते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में उन गलतियों के बारे में बताएंगे जो एक स्मार्ट निवेशक भी हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस लेते वक्त करते हैं। चलिए डिटेल में जानते हैं।
जीवन बीमा लेते वक्त आम गलतियां
1. हर साल प्रीमियम बर्बाद होता है: यह सोचकर टर्म इंश्योरेंस से दूरी बनाना, जबकि वही व्यक्ति अपनी कार के लिए बीमा करवाने में झिझक नहीं करता, एक खतरनाक भ्रम है। यह सुरक्षा जाल है, न कि बेकार खर्च।
2. रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम विकल्प: महंगे प्रीमियम और डेप्रिसिएशन के कारण यह विकल्प लंबे समय में लाभकारी नहीं रहता।
स्वास्थ्य बीमा लेते वक्त आम गलतियां
1. सिर्फ कंपनी कवर पर निर्भरता: नौकरी छूटने या बदलने की स्थिति में आप असुरक्षित हो जाते हैं। खुद का पर्सनल बीमा जल्दी लेना समझदारी है।
2. विदेश में कवर है, भारत में क्यों लें?: एनआरआई अक्सर यह भूल जाते हैं कि लंबी बीमारी में भारत में इलाज और देखभाल करने का सिस्टम अधिक मजबूत होता है।
3. सस्ते ऑनलाइन विकल्पों पर भरोसा: दावा प्रक्रिया में एजेंट का समर्थन बहुत अहम होता है। बिना सहयोग के दावा कराना कठिन हो सकता है।
4. सिर्फ सस्ता प्रीमियम देखकर बीमा चुनना: हर बीमा उत्पाद एक जैसा नहीं होता। "बजट" बीमा में सुविधाओं की कमी हो सकती है, जो बाद में भारी पड़ती है।
5. सच्चाई छुपाना: झूठी जानकारी के कारण आपकी बीमा अमान्य हो सकता है।