IRFC, RVNL, IRCON, RITES, RailTel, Titagarh, Jupiter Wagons: आज क्यों भाग रहा रेलवे शेयर, जानिए इसके पीछे की वजह
Railway Stock: आज रेलवे कंपनियों के शेयर में तेजी देखने को मिली है। आर्टिकल में जानते हैं कि रेलवे स्टॉक में किस वजह से तेजी जारी है।

मंगलवार के ट्रेडिंग सेशन में रेलवे कंपनियों के शेयर में तेजी देखने को मिली है। सभी रेलवे शेयर हरे निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। मंगलवार को सबसे ज्यादा तेजी रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (RailTel) में देखी गई। कंपनी के शेयर एक महीने में 40% तक चढ़ा। IRCON इंटरनेशनल लिमिटेड के शेयर 34.91% ऊपर गए, जबकि RITES के शेयरों में 31.74% की बढ़त आई। टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (Titagarh Rail Systems) में 28.18%, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) में 19.24%, IRFC में 16.31% और ज्यूपिटर वेगन्स (Jupiter Wagons) में भी 40% की बढ़त दर्ज की गई।
विश्लेषकों के मुताबिक इन सात प्रमुख रेलवे कंपनियों का कुल मार्केट-कैप ₹3.6 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि इनकी बुक वैल्यू ₹78,400 करोड़ और सालाना मुनाफा ₹9,900 करोड़ के आसपास है। इन कंपनियों के पास कुल बुक वैल्यू का 25% कैश और इन्वेस्टमेंट के रूप में है। FY25 में रेलवे कंपनियों के प्री-टैक्स प्रॉफिट का 12% हिस्सा अन्य सोर्स से आया है।
क्यों बढ़ रही है इन शेयरों में तेजी?
मार्केट एक्सपर्ट मानते हैं कि इस तेजी की बड़ी वजह छोटे और मिडकैप शेयरों में बढ़ता निवेशक उत्साह है। निवेशक सेक्टर की परवाह किए बिना उन शेयरों को खरीद रहे हैं जो किसी भी मजबूत कहानी में फिट होते हैं। यही कारण है कि रेलवे शेयरों में भी तेजी दिख रही है, भले ही रेलवे का कैपेक्स स्थिर ही क्यों न हो।
टेक्समाको रेल (Texmaco Rail) को उम्मीद है कि आने वाले 3-4 वर्षों में 1.5 लाख वैगनों का ऑर्डर मिलेगा। कंपनी हर साल 15,000 वैगन बनाने की कैपेसिटी रखती है। वहीं टिटागढ़ वेगन्स को उम्मीद है कि रेलवे 1 से 1.2 लाख नए वैगनों की खरीद करेगा, जो ₹35,000 से ₹40,000 करोड़ तक का बिजनेस मौका हो सकता है।
ज्यूपिटर वेगन्स का मानना है कि प्राइवेट कंपनियों की तरफ से भी मजबूत मांग है और FY26 के आखिर तक रेलवे से कई बड़े टेंडर निकल सकते हैं। इससे FY28 तक का आउटलुक मजबूत बना हुआ है।
सरकार ने FY26 के लिए ₹11.4 लाख करोड़ का कुल कैपेक्स रखा है, जो 14.9% की सालाना बढ़त है। अगर यह ट्रेंड बना रहता है, तो रेलवे और रक्षा सेक्टर को इसका फायदा मिल सकता है। हालांकि, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज जैसी ब्रोकरेज कंपनियां मानती हैं कि रेलवे में मीडियम टर्म में कोई बड़ी बढ़त नहीं दिख रही।