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अगस्त महीने में थोक महंगाई बढ़कर -0.52%

मेन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर -2.51% से बढ़कर -2.37% रही है। सब्जियों की महंगाई दर 62.12% से घटकर 48.39% रही है। थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है, तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं

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अगस्त महीने में थोक महंगाई बढ़कर -0.52%
अगस्त महीने में थोक महंगाई बढ़कर -0.52%

सरकार की ओर से अगस्त के लिए महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। अगस्त महीने में थोक महंगाई बढ़कर -0.52% पर पहुंच गई है। ये लगातार पांचवां महीना है जब थोक महंगाई शून्य से नीचे रही है। वहीं अगस्त में खाने पीने की चीजें सस्ती हुई हैं, खाद्य महंगाई 7.75% से घटकर 5.62% हो गई है। अगस्त में होलसेल महंगाई दर -0.52 फीसदी रही। इससे पिछले महीने यानी जुलाई में WPI -1.36 फीसदी थी, जो अगस्त में बढ़कर -0.52 फीसदी हो गई है। अगस्त में खाद्य महंगाई दर जुलाई के मुकाबले 7.75% से घटकर 5.62% रही है। रोजाना जरूरत के सामानों की महंगाई दर 7.57 से घटकर 6.34% रही है। 

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ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर -12.79% से बढ़कर -6.03% रही है। मेन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर -2.51% से बढ़कर -2.37% रही है। सब्जियों की महंगाई दर 62.12% से घटकर 48.39% रही है। थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है, तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है। जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कम कर सकती है।

ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर -12.79% से बढ़कर -6.03% रही है
ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर -12.79% से बढ़कर -6.03% रही है

 WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है। महंगाई का निगेटिव में रहना भी इकोनॉमी पर प्रभाव डालता है। निगेटिव महंगाई तब होती है जब वस्तुओं की आपूर्ति उन वस्तुओं की मांग से ज्यादा हो जाती है। इससे दाम गिर जाते हैं और कंपनियों का प्रॉफिट घट जाता है। प्रॉफिट घटता है तो कंपनियां वर्कर्स को निकलाती हैं और अपने कुछ प्लांट या स्टोर भी बंद कर देती हैं। इससे पहले कल अगस्त महीने की रिटेल महंगाई के आंकडे़ जारी किए गए थे। अगस्त में रिटेल महंगाई में गिरावट देखने को मिली है, और ये इस महीने 6.83% पर आ रही। इससे पहले जुलाई में ये 7.44% पर पहुंच गई थी। महंगाई में ये गिरावट सब्जियों के दाम कम होने से आई है। हालांकि, महंगाई दर अभी भी RBI के 6% की ऊपरी टॉलरेंस लिमिट के पार ही है। बीते महीने शहरी महंगाई दर घटकर 6.59% पर आ गई जो जुलाई में 7.20% पर थी। ग्रामीण महंगाई दर भी अगस्त में घटकर 7.02% पर आ गई है जो जुलाई में 7.63% थी।

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