
GoFirst के खिलाफ केस करेगी Pratt & Whitney
Go First और उसके विमानों के लिए इंजन सप्लाई करने वाली प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के बीच लड़ाई ने अब कानूनी जंग का रास्ता अख्तियार कर लिया है। अमेरिका की विमानों का इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी अब गो फर्स्ट के खिलाफ कानूनी तलाश रही है।

Go First और उसके विमानों के लिए इंजन सप्लाई करने वाली प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के बीच लड़ाई ने अब कानूनी जंग का रास्ता अख्तियार कर लिया है। अमेरिका की विमानों का इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी अब गो फर्स्ट के खिलाफ कानूनी तलाश रही है।
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दरअसल, गो फर्स्ट ने प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) पर आरोप लगाया था कि उसकी वजह से ही एयरलाइन की वित्तीय स्थिति बिगड़ी और उसे NCLT में दिवालिया प्रक्रिया में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि इंजन बनाने वाली Company ने समय पर इंजनों की सप्लाई नहीं की। इन आरोपों के बाद प्रैट एंड व्हिटनी ने सफाई दी और कहा कि कंपनी ने कभी समय पर भुगतान नहीं किया।

हालांकि Airlines का मामला इस समय NCLT में है। ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट की इनसॉल्वेंसी याचिका को स्वीकार कर लिया है और रिसीवर की नियुक्ति भी कर दी है। एयरलाइन का कहना था कि उसके पास कुल 54 विमान हैं, जो उसकी मुख्य संपत्ति हैं। इनमें से 28 P&W की ओर से इंजनों की सप्लाई नहीं हो पाने के कारण ग्राउंडेड हैं, यानी बंद पड़े हैं बाकी 26 ही काम कर रहे हैं। बेडे़ के आधे से ज्यादा विमान ग्राउंडेड होने की वजह से एयरलाइन के लिए वित्तीय संकट पैदा हो गया था। अगर हमारे विमान ग्राउंडेड नहीं होते तो हम उड़ान भर रहे होते और भुगतान भी कर होते।