PF vs PPF: दोनों में क्या अंतर और कहां बनेगा बड़ा फंड? पूरी बात आसान शब्दों में
दोनों ही सुरक्षित निवेश के ऑप्शन हैं और टैक्स बचाने में मदद करते हैं, लेकिन इनका मकसद, नियम और फायदा अलग-अलग है। ऐसे में चलिए यह जानते हैं कि PF और PPF में असली फर्क क्या है और किसमें ज्यादा कमाई होती है?

PF vs PPF: नौकरीपेशा और निवेश करने वाले लोगों के बीच PF (Provident Fund) और PPF (Public Provident Fund) को लेकर अक्सर कन्फ्यूजन रहता है। दोनों ही सुरक्षित निवेश के ऑप्शन हैं और टैक्स बचाने में मदद करते हैं, लेकिन इनका मकसद, नियम और फायदा अलग-अलग है। ऐसे में चलिए यह जानते हैं कि PF और PPF में असली फर्क क्या है और किसमें ज्यादा कमाई होती है?
PF क्या है?
PF यानी प्रोविडेंट फंड आमतौर पर नौकरीपेशा लोगों के लिए होता है। इसे Employee Provident Fund (EPF) भी कहा जाता है। अगर आप किसी प्राइवेट या सरकारी कंपनी में काम करते हैं, तो आपकी सैलरी से हर महीने पीएफ कटता है। इसमें आप और आपका नियोक्ता (कंपनी) दोनों योगदान देते हैं।
यह पैसा रिटायरमेंट के लिए जमा होता है। पीएफ में जमा पैसों पर सरकार की तरफ से तय ब्याज मिलता है और जरूरत पड़ने पर कुछ शर्तों के साथ पैसा निकाला भी जा सकता है।
PPF क्या है?
PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी बचत योजना है। इसमें कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है, चाहे वह नौकरी करता हो या नहीं। इसमें सिर्फ आप ही पैसा डालते हैं, कोई कंपनी योगदान नहीं देती। PPF खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो सुरक्षित और लंबे समय के निवेश के जरिए अच्छा फंड बनाना चाहते हैं।
निवेश की अवधि में बड़ा फर्क
PF में पैसा आमतौर पर तब तक जमा रहता है, जब तक आप नौकरी में हैं। नौकरी बदलने पर PF अकाउंट ट्रांसफर हो जाता है। वहीं PPF की लॉक-इन अवधि 15 साल होती है। बीच में पूरा पैसा निकालना आसान नहीं होता, हालांकि कुछ साल बाद आंशिक निकासी और लोन की सुविधा मिल जाती है।
ब्याज और रिटर्न
PF और PPF दोनों पर ब्याज सरकार तय करती है और यह पूरी तरह सुरक्षित होता है। PF में कई बार कंपनी के योगदान की वजह से कुल जमा राशि तेजी से बढ़ती है, जिससे रिटर्न ज्यादा नजर आता है। PPF में ब्याज कंपाउंडिंग के कारण लंबे समय में अच्छा फंड बनता है, लेकिन इसमें सिर्फ आपकी खुद की जमा राशि होती है।
टैक्स बचत का फायदा
- PF और PPF दोनों ही टैक्स के लिहाज से बेहतरीन विकल्प हैं।
- इसमें निवेश पर टैक्स छूट मिलती है
- ब्याज टैक्स-फ्री होता है
- मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा भी टैक्स-फ्री होता है
कहां होती है मोटी कमाई?
अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो PF में कंपनी का योगदान मिलने की वजह से कुल कमाई ज्यादा हो सकती है। यह रिटायरमेंट के लिए मजबूत फंड तैयार करता है।
अगर आप खुद का निवेश करके सुरक्षित और लंबी अवधि में पैसा बढ़ाना चाहते हैं, तो PPF बेहतर विकल्प है। अनुशासित निवेश से 15 साल में अच्छा-खासा टैक्स-फ्री फंड तैयार हो जाता है।
किसे क्या चुनना चाहिए?
नौकरीपेशा लोगों के लिए PF तो अपने आप जरूरी हो जाता है लेकिन अतिरिक्त सुरक्षित निवेश के लिए PPF एक अच्छा विकल्प है।सबसे बेहतर रणनीति यही मानी जाती है कि PF के साथ-साथ PPF में भी निवेश किया जाए

