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कैसे और कहां से खरीदें सरकारी बॉन्ड? जानिए कौन होता है इसके लिए पात्र

इस आर्टिकल में आज हम आपको बताएंगे की आप कैसे और कहां से सरकारी बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं और इसके लिए कौन-कौन पात्र है?

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अगर आप सरकारी बॉन्ड (Government Bonds) के बारे में जानना चाहते हैं, या फिर निवेश करने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए यह खबर जरूरी हो सकती है। इस आर्टिकल में आज हम आपको बताएंगे की आप कैसे और कहां से सरकारी बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं और इसके लिए कौन-कौन पात्र है?

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सरकारी बॉन्ड को कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है, क्योंकि इसमें पैसा सीधे भारत सरकार को उधार दिया जाता है। 

क्या होते हैं सरकारी बॉन्ड?

सरकारी बॉन्ड ऐसे कर्ज साधन हैं, जिन्हें केंद्र सरकार अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए जारी करती है। इन्हें Government Securities (G-Secs) भी कहा जाता है। इन पर निवेशकों को तय ब्याज मिलता है और मैच्योरिटी पर मूलधन वापस कर दिया जाता है।

सरकारी बॉन्ड के प्रमुख प्रकार:

  • ट्रेजरी बिल (T-Bills)
  • डेटेड सरकारी बॉन्ड
  • फ्लोटिंग रेट बॉन्ड
  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 

कौन खरीद सकता है सरकारी बॉन्ड?

सरकारी बॉन्ड में निवेश के लिए पात्रता काफी आसान है। कोई भी भारतीय नागरिक, व्यक्तिगत निवेशक, सीनियर सिटीजन, HUF, ट्रस्ट और कंपनियां इसमें निवेश कर सकती हैं। 

कुछ बॉन्ड्स में NRI निवेशकों को भी अनुमति दी जाती है। आमतौर पर न्यूनतम निवेश राशि ₹10,000 से शुरू होती है, हालांकि कुछ मामलों में इससे कम राशि में भी निवेश किया जा सकता है।

सरकारी बॉन्ड कहां से खरीदें?

1. RBI Retail Direct प्लेटफॉर्म

भारतीय रिजर्व बैंक ने रिटेल निवेशकों के लिए Retail Direct प्लेटफॉर्म शुरू किया है। इसके जरिए निवेशक सीधे RBI से सरकारी बॉन्ड खरीद सकते हैं। इसमें कोई बिचौलिया नहीं होता और खाता खोलना मुफ्त है।

2. स्टॉक एक्सचेंज (NSE और BSE)

सरकारी बॉन्ड NSE और BSE के माध्यम से भी खरीदे जा सकते हैं। इसके लिए निवेशक के पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। यहां सेकेंडरी मार्केट में बॉन्ड की खरीद-बिक्री की सुविधा मिलती है।

3. बैंक और ब्रोकर्स

कुछ बैंक और वित्तीय संस्थान भी अपने ग्राहकों को सरकारी बॉन्ड ऑफर करते हैं, हालांकि इसमें सर्विस चार्ज या कमीशन लग सकता है।

ब्याज और टैक्स का क्या नियम है?

सरकारी बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज आमतौर पर छह महीने में एक बार सीधे निवेशक के बैंक खाते में जमा होता है। ब्याज पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है। अगर बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले बेचा जाता है, तो कैपिटल गेन टैक्स लागू हो सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के मामले में मैच्योरिटी पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता।

किन निवेशकों के लिए बेहतर हैं सरकारी बॉन्ड?

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सरकारी बॉन्ड उन निवेशकों के लिए बेहतर माने जाते हैं जो सुरक्षित और स्थिर रिटर्न चाहते हैं। सीनियर सिटीजन, रिटायर्ड लोग और लॉन्ग टर्म निवेश की योजना बनाने वाले निवेशकों के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।