मूवी टिकट की प्राइस ₹350 लेकिन पॉपकॉर्न का प्राइस ₹450-₹500, थीएटर में इन 5 कारणों से महंगा होता है खाना-पीना
अक्सर लोग मजाक में कहते भी हैं कि पॉपकॉर्न खरीदना फिल्म देखने से ज्यादा महंगा पड़ता है। लेकिन आखिर ऐसा क्यों है? क्या सच में पॉपकॉर्न की कीमत इतनी ज्यादा होती है या इसके पीछे कोई बड़ा कारण छिपा है? चलिए आपको बताते हैं कि इसका कारण क्या है?

फिल्म देखने के लिए मल्टीप्लेक्स या थीएटर जानें वाले लोगों के मन में कभी न कभी यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर मूवी टिकट से ज्यादा पॉपकॉर्न या खाने-पीने की चीजों के दाम इतने महंगे क्यों होते हैं?
अक्सर लोग मजाक में कहते भी हैं कि पॉपकॉर्न खरीदना फिल्म देखने से ज्यादा महंगा पड़ता है। लेकिन आखिर ऐसा क्यों है? क्या सच में पॉपकॉर्न की कीमत इतनी ज्यादा होती है या इसके पीछे कोई बड़ा कारण छिपा है? चलिए आपको बताते हैं कि इसका कारण क्या है?
1. टिकट से थिएटर को कमाई कम
थिएटर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि मूवी टिकट से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा फिल्म प्रोड्यूसर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को चला जाता है। थिएटर के पास टिकट के रेवेन्यू का सीमित हिस्सा ही बचता है। ऐसे में उन्हें अपनी इनकम बढ़ाने के लिए फूड और बेवरेज पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता है।
2. फूड आइटम्स पर मार्जिन अधिक
पॉपकॉर्न, नाचोज, कोल्ड ड्रिंक जैसे आइटम्स की लागत बहुत कम होती है, लेकिन ये थिएटर में प्रीमियम दाम पर बेचे जाते हैं। इन्हीं आइटम्स से थिएटर को सबसे ज्यादा मुनाफा मिलता है, जो उनकी ऑपरेशनल कॉस्ट को पूरा करने में मदद करता है।
3. थिएटर चलाने का खर्च ज्यादा
एयर-कंडीशनिंग, स्टाफ सैलरी, सुरक्षा, साफ-सफाई, बिजली, हाई-टेक प्रोजेक्टर और साउंड सिस्टम- इन सभी पर सिनेमा हॉल को भारी खर्च करना पड़ता है। अगर थिएटर सिर्फ टिकट के रेवेन्यू पर निर्भर रहे, तो उनके लिए इन खर्चों को संभालना मुश्किल हो जाता है।
4. बाहर का खाना लाने की अनुमति नहीं
ज्यादातर मल्टीप्लेक्स में बाहर का खाना ले जाना मना होता है। इससे थिएटर का फूड कारोबार पूरी तरह सुरक्षित रहता है और उन्हें कीमतें अपनी सुविधा के अनुसार तय करने की आजादी मिल जाती है।
5. मॉल का किराया महंगा
बड़े शहरों और मॉल में बने मल्टीप्लेक्स को भारी किराया देना पड़ता है। थिएटर इन खर्चों को कवर करने के लिए फूड आइटम्स के दाम बढ़ा देते हैं। इसका सीधा असर पॉपकॉर्न की कीमत पर देखने को मिलता है।

