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GoFirst की इनसॉल्वेंसी याचिका स्वीकार, IRP होगा नियुक्त

National कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट की इनसॉल्वेंसी की याचिका को स्वीकार कर लिया है। NCLT ने मोरेटोरियम का भी ऐलान किया और Alvarez & Marsal के अभिलाष लाल को इस मामले में अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया है।

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GoFirst की इनसॉल्वेंसी याचिका स्वीकार, IRP होगा नियुक्त
GoFirst की इनसॉल्वेंसी याचिका स्वीकार, IRP होगा नियुक्त

National कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने GoFirst की इनसॉल्वेंसी की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसका मतलब ये है कि अब गो फर्स्ट के लिए इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। NCLT ने मोरेटोरियम का भी ऐलान किया और Alvarez & Marsal के अभिलाष लाल को इस मामले में अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया है। 

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NCLT की दिल्ली बेंच ने IRP से ये भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कंपनी को चलाएं और किसी भी तरह की छंटनी न की जाए। कर्मचारियों की छंटनी को लेकर NCLT काफी सतर्क दिखा। गौरतलब है कि 2 मई को गो फर्स्ट ने याचिका दाखिल की थी। वाडिया ग्रुप (Wadia Group) की एयरलाइन ने 2 मई को NCLT में याचिका दाखिल करके स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने और अंतरिम मोरेटोरियम की मांग की थी। 

DGCA ने आदेश जारी कर गो फर्स्ट से टिकटों की बिक्री रोकने का आदेश जारी किया था।
DGCA ने आदेश जारी कर गो फर्स्ट से टिकटों की बिक्री रोकने का आदेश जारी किया था।

एयरलाइन ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रैट एंड व्हिटनी के खराब इंजनों की वजह से उसके आधे से ज्यादा विमानों को ग्राउंडेड करना पड़ा जिसकी वजह से वित्तीय संकट पैदा हुआ। हालांकि प्रैट एंड व्हिटनी ने इन आरोपों का खंडन किया था और उल्टे एयरलाइंस पर पैसे ना चुकाने का आरोप लगाया था। 

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पहले गो फर्स्ट ने पहले 3-5 मई तक उड़ानों को रद्द किया था, इसके बाद इसे 9 मई तक बढ़ाया गया और फिर 12 मई तक उड़ानों को रद्द किया गया, अब आज गो फर्स्ट ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि उसके उड़ानें 19 मई तक रद्द हैं। सोमवार को DGCA ने आदेश जारी करके गो फर्स्ट से टिकटों की बिक्री रोकने का आदेश जारी किया था। 

NCLT की दिल्ली बेंच ने IRP से ये भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कंपनी को चलाएं और किसी भी तरह की छंटनी न की जाए।
NCLT की दिल्ली बेंच ने IRP से ये भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कंपनी को चलाएं और किसी भी तरह की छंटनी न की जाए।

गो फर्स्ट पर 11,463 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं, इतने कर्जे के बाद इस बात की संभावना कम है कि एयरलाइंस खुद से अपना कामकाज करने में समर्थ थी।