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अब अमेरिका को सिर्फ भारत का सहारा!

अमेरिका की आर्थिक हालात ठीक नहीं चल रही है। वहां का बैंकिंग संकट लगातार गहराता जा रहा है। इस देश पर पहली बार डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इसकी तस्दीक खुद अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने की है। ऐसे में वहां के अर्थशास्त्री एक के बाद एक नई आशंका जता रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया हिली हुई है।

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अब अमेरिका को सिर्फ भारत का सहारा!
अब अमेरिका को सिर्फ भारत का सहारा!

दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका, जिसकी अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे बड़ी है। जहां वॉलमार्ट, एप्पल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कई दिग्गज कंपनियां हैं जिनकी हैसियत कई देशों के GDP से ज्यादा है। ऐसा देश, इस वक्त कई मोर्चे पर गिरा हुआ है। अमेरिका की आर्थिक हालात ठीक नहीं चल रही है। वहां का बैंकिंग  संकट लगातार गहराता जा रहा है। इस देश पर पहली बार डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इसकी तस्दीक खुद अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने की है। ऐसे में वहां के अर्थशास्त्री एक के बाद एक नई आशंका जता रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया हिली हुई है। खबरों के मुताबिक अमेरिका में करीब 80 लाख से ज्यादा नौकरियां जाने का खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में अमेरिका के लिए भारत तारणहार बनकर उभरा है। अब अमेरिका को सिर्फ भारत का सहारा है। हम ऐसा क्यों बोल रहे हैं खबर ही कुछ ऐसी है। अमेरिका के बुरे वक्त में भारतीय कंपनियां, अमेरिका में जमकर निवेश कर रही हैं और इस कदम से वहां लाखों लोगों को नौकरी मिल रही हैं।

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एक सर्वे के मुताबिक भारत की 150 से ज्यादा कंपनियों ने अमेरिका में 40 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया है और इससे वहां करीब 4.25 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं। इतना ही नहीं हमेशा से कमाल करने वाली भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी यानि की CSR पर करीब 18.5 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं। इससे कदम से वहां कि लोकल कम्युनिटीज को काफी फायदा पहुंचा है। 

भारतीय इंडस्ट्री की संस्था CII के सर्वे ‘Indian Roots, American Soil’ को अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने लॉन्च किया। इस सर्वे में कई बड़े दावे किए गए हैं। इस सर्वे के जरिए भारत के राजदूत तरनजीत सिंह ने कहा कि भारतीय कंपनियां अमेरिका में स्ट्रेंथ, रिजिलियंस और कंपटीटिवनेस लाई हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, लोकल कम्युनिटीज को सपोर्ट किया है और कैपेसिटी बनाया है। उन्होंने देश की समृद्धि को बढ़ाया है। भारत हमेशा इस बात पर विश्वास करता है कि सफलता को साझा किया जाना चाहिए।

अब ये भी जान लीजिए कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिकों के किन राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाया है। CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने अपने बयान में कहा कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी मार्केट में निवेश और जॉब क्रिएशन को बढ़ाकर अपनी रिजिलियंस और कमिटमेंट को दिखाया है। भारतीय कंपनियों ने पूरे देश में अपने कारोबार को फैलाया है। यही नहीं बल्कि भविष्य में भी भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने और ज्यादा लोगों को नौकरी पर रखने की योजना है। भारतीय कंपनियों के निवेश से टेक्सस, न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, वॉशिंगटन, फ्लोरिडा, कैलिफोर्निया, जॉर्जिया, ओहियो, मोनटाना और एलिनॉय को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।

भारतीय कंपनियों के इस कदम से दो बड़े फायदे हो रहे हैं। एक तो भारतीय कंपनियों के इस कदम ले अमेरिकी कंपनियों में बेरोजगारी संकट में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। तो वहीं दूसरी ओर भारत और अमेरिका के आर्थिक रिश्ते भी सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।