Vivo की हिस्सेदारी पर Tata का इनकार, Apple का क्या है रोल?
Tata Group ने एक ओर जहां Vivo के साथ अपनी डील को टाल दिया, वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जो आने वाले समय में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

Tata Group ने Vivo के भारतीय बिजनेस में 51% हिस्सेदारी खरीदने की अपनी योजना को फिलहाल टाल दिया है। यह निर्णय अमेरिकी टेक दिग्गज Apple की आपत्ति के बाद लिया गया है। Apple, जो Tata Group के साथ अपने डिवाइस बनाने के लिए साझेदारी में है, नहीं चाहती कि इसका कोई साझेदार उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी, Vivo, में हिस्सेदारी रखे। इस स्थिति को देखते हुए Tata Group ने Vivo के साथ इस डील को पूरी तरह से रोक दिया है।
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Vivo Tata Group के साथ अपनी भारतीय यूनिट में 51% हिस्सेदारी बेचने पर विचार
भारत सरकार ने भी Vivo पर दबाव डाला था कि उसके नियंत्रण में एक भारतीय कंपनी हो, ताकि देश की सुरक्षा और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखा जा सके। इस दबाव के कारण Vivo Tata Group के साथ अपनी भारतीय यूनिट में 51% हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी। हालांकि, Apple की आपत्ति ने इस योजना को रोक दिया। Apple के लिए Tata Group एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर है, और दोनों कंपनियों के बीच का ये तनाव काफी महत्वपूर्ण है।
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Apple ने इस डील पर गंभीर आपत्ति जताई
Apple और Vivo के बीच प्रतिद्वंद्विता को देखते हुए, Apple ने इस डील पर गंभीर आपत्ति जताई। Apple का मानना है कि Tata Group का Vivo में हिस्सेदारी रखना उसके बिजनेस फयदे के खिलाफ हो सकता है। इसके चलते, Tata Group की Vivo इंडिया में मेजॉरिटी हिस्सेदारी लेने की योजना सफल नहीं हो पाई।
Tata Group का इलेक्ट्रिक सेगमेंट में तेजी से विकास
इसके बावजूद, Tata Group का इलेक्ट्रिक सेगमेंट में तेजी से विकास हो रहा है। Tata Group ने हाल ही में ताइवानी कंपनी विस्ट्रॉन की फैक्ट्रियां खरीदकर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इस करार के तहत, Tata Group को न केवल भारत में iPhones बनाने का मौका मिला, बल्कि दुनिया भर में iPhones बनाने की बेचने भी लगा। ये डील Tata Group के लिए एक बड़ा कदम साबित हुआ है, जो उसे ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गजों जैसे फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉ
न और विस्ट्रॉन के बीच एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।इस प्रकार, Tata Group ने एक ओर जहां Vivo के साथ अपनी डील को टाल दिया, वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जो आने वाले समय में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।