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क्या EPS Pension लेने में आपको भी हो रही है दिक्कत? पढ़िए पूरी खबर

ध्यान रहे कि कर्मचारी को 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद 2 साल का बोनस मिलता है। यदि सदस्य अपने EPS फंड को 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने से पहले या किसी अन्य कंपनी में शामिल होने पर निकाल लेता है तो उसे EPS अकाउंट में योगदान के लिए नए सिरे से शुरूआत करनी होगी और सेवा अवधि भी ज़ीरो से ही शुरू होगी।

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लोग अक्सर EPF और EPS के बीच के अंतर को नहीं समझ पाते हैं
लोग अक्सर EPF और EPS के बीच के अंतर को नहीं समझ पाते हैं

लोग अक्सर EPF और EPS के बीच के अंतर को नहीं समझ पाते हैं, और दोनों को एक समझने की गलती करते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि EPS क्या है, ईपीएस में कितनी प्रकार की पेंशन योजनाएं हैं, आपकी सैलरी का कितना हिस्सा ईपीएफ अकाउंट में जाता है, EPS से आपको कितनी पेंशन मिलेगी और आप EPS अकाउंट से पैसे कैसे निकाल सकते हैं। कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) एक रिटायर्मेंट स्कीम है, जिसे EPFO द्वारा मैनेज किया जाता है। यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है, जो 58 वर्ष की आयु में रिटायर हो चुके हैं। हालांकि, इस योजना का लाभ केवल तभी लिया जा सकता है, जब कर्मचारी ने कम से कम 10 साल तक नौकरी की हो (जरूरी नहीं कि ये नौकरी अपने लगातार की हो)। EPS को वर्ष 1995 में लॉन्च किया गया था और इस योजना में मौजूदा और नए ईपीएफ सदस्य शामिल हो सकते थे। नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों ही ईपीएफ फंड में कर्मचारी की सैलरी में से 12% का समान योगदान करते हैं। हालांकि, कर्मचारी के योगदान का पूरा हिस्सा EPF में और नियोक्ता/ कंपनी के शेयर का 8.33%  कर्मचारी पेंशन योजना (EPF) में और 3.67% हर महीने EPF में जाता है। कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को कई शर्तों को पूरा करना होता है जिसमे आप EPFO के सदस्य होने चाहिए। आपने 10 वर्ष तक नौकरी की हो। आप 58 साल के हों।

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50 वर्ष की आयु होने पर आप EPF से पैसे निकालना शुरू कर सकते हैं। आप दो साल (60 साल की उम्र तक) के लिए अपनी पेंशन को रोक कर सकते हैं, जिसके बाद आपको हर साल 4% की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी। PF में पेंशन राशि, सदस्य के पेंशन योग्य वेतन और पेंशन योग्य सेवा यानी कितने साल नौकरी की है इस पर निर्भर करती है। किसी भी कर्मचारी का EPF निकलने से पहले पिछले 60 महीनों का पेंशन योग्य वेतन उसका औसत मासिक वेतन होता है। यदि रोज़गार के अंतिम 60 महीनों में कुछ दिनों तक आपने EPS अकाउंट में योगदान नहीं किया है, तो भी उन दिनों का लाभ कर्मचारी को दिया जाएगा। मान लीजिए कि व्यक्ति महीने की 3 तारीख से नौकरी करना शुरू करता है तो उसे महीने के अंत में 28 दिनों का ही वेतन मिलेगा लेकिन EPS में उसका योगदान 30 दिनों के हिसाब से ही जाएगा। अगर व्यक्ति का मासिक वेतन 15,000 रु है, तो 28 दिनों के लिए उस व्यक्ति का वेतन 14,000 रु होगा (दो दिनों के लिए प्रति दिन के हिसाब से 500 रु कम)। हालांकि, EPS के लिए माना जाने वाला मासिक वेतन 30 दिनों के लिए, यानी कि 15,000 रु है। अधिकतम पेंशन योग्य वेतन हर महीने 15,000 रु तक सीमित है। हर महीने कंपनी कर्मचारी के EPS अकाउंट में उसके वेतन का 8.33% का योगदान देता है तो हर महीने कर्मचारी के EPS अकाउंट में जमा राशि है। आपने कितने समय तक नौकरी की है वही आपकी पेंशन योग्य सेवा मानी जाती है। आपने जितने समय के लिए भी विभिन्न कंपनियों/ संस्थानों के लिए काम किया है, वह आपके पेंशन योग्य सेवा अवधि को कैलकुलेट करते वक्त जोड़ा जाता है।

50 वर्ष की आयु होने पर आप EPF से पैसे निकालना शुरू कर सकते हैं
50 वर्ष की आयु होने पर आप EPF से पैसे निकालना शुरू कर सकते हैं

कर्मचारी को EPS स्कीम सर्टिफिकेट हासिल करना और हर बार नौकरी बदलने पर उसे यह सर्टिफिकेट नए संस्थान/ कंपनी के पास जमा करना आवश्यक है। ध्यान रहे कि कर्मचारी को 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद 2 साल का बोनस मिलता है। यदि सदस्य अपने EPS फंड को 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने से पहले या किसी अन्य कंपनी में शामिल होने पर निकाल लेता है तो उसे EPS अकाउंट में योगदान के लिए नए सिरे से शुरूआत करनी होगी और सेवा अवधि भी ज़ीरो से ही शुरू होगी। पेंशन योग्य सेवा अवधि 6 महीनों के आधार पर गिनी जाती है। न्यूनतम पेंशन योग्य सेवा अवधि 6 महीने की होती है। यदि सेवा अवधि 8 वर्ष 2 माह है, तो पेंशन योग्य सेवा अवधि 8 वर्ष मानी जाएगी। हालाँकि, यदि सेवा अवधि 8 वर्ष और 10 महीने है, तो पेंशन योग्य सेवा अवधि 9 वर्ष की मानी जाएगी।

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