
Biperjoy को लेकर जारी हाई अलर्ट, आइये जानते है क्या है अपडेट
चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ को लेकर इस समय देश के पश्चिमी तटीय इलाकों में अलर्ट जारी है, तूफान के दौरान तेज हवाएं व बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, तूफान से मुंबई, गोवा, पोरबंदर और कराची शहर सहित आसपास के इलाके प्रभावित हो सकते हैं, मौसम विभाग का कहना है कि यह इस साल अरब सागर में आया पहला चक्रवाती तूफान है, आइए आज जानते हैं कि समुद्र में आखिर ऐसा क्या होता है, जो वहां से अक्सर इतने भयंकर तूफान उठकर चलते हैं और फिर धरती पर आकर तबाही मचा देते हैं।

चक्रवाती तूफान ‘Biperjoy ’ को लेकर इस समय देश के पश्चिमी तटीय इलाकों में अलर्ट जारी है, तूफान के दौरान तेज हवाएं व बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, तूफान से मुंबई, गोवा, पोरबंदर और कराची शहर सहित आसपास के इलाके प्रभावित हो सकते हैं, मौसम विभाग का कहना है कि यह इस साल अरब सागर में आया पहला चक्रवाती तूफान है, आइए आज जानते हैं कि समुद्र में आखिर ऐसा क्या होता है, जो वहां से अक्सर इतने भयंकर तूफान उठकर चलते हैं और फिर धरती पर आकर तबाही मचा देते हैं।
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एक रिपोर्ट की मानें तो Indian Institute of Tropical Meteorology के वैज्ञानिक Roxy Matthew Cole कहते हैं कि बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में ज्यादा तूफान आते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं है, अब अरब सागर भी गर्म हो रहा है, जिस कारण यहां से भी ज्यादा तीव्रता वाले चक्रवात बन रहे हैं। दरअसल, समुद्रों में तूफान आने का एक बड़ा कारण है ग्लोबल वार्मिंग है, IPCC की एक रिपोर्ट में भी बताया गया है कि ग्रीनहाउस गैसों के कारण बढ़ने वाली गर्मी का 93% समंदर सोख लेते हैं, जिस वजह से समुद्रों का तापमान भी हर साल बढ़ रहा है, ऐसे में, यहां पर बनने वाले बिपरजॉय जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफानों की संख्या और भीषणता भी बढ़ जाती है, बिपरजॉय जैसे चक्रवाती तूफान समुद्रों के गर्म भाग के ऊपर ही बनते हैं, इस हिस्से का औसत तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक ही रहता है, ऐसे में तूफान गर्मी से ऊर्जा इकट्ठा करते हैं और समुद्र से नमी खींच लेते हैं, जिसके बाद पर्याप्त ऊर्जा होने बाद ये बनकर आगे बढ़ना शुरू करते हैं, जिसके बाद ये धरती पर आकर भीषण तबाही मचा देते हैं।

इस चक्रवात के कारण Gujarat में भयंकर तबाही आने की आशंका बनी हुई है। फिलहाल कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है। ऐसे में ताजा अपडेट ये है कि तूफान की चाल थोड़ी सी बदली है और अब ये Dwarka से दूर हो गया है, जिसकी वजह से अब उम्मीद की जा रही है कि ये शायद द्वारका को कम नुकसान पहुंचाएगा। गौरतलब है कि इस साइक्लोन का अलर्ट पहली बार 6 जून से जारी किया गया था और इसका प्रभाव 16 जून तक रहने की संभावना है। बीच में ये थोड़ा सा कमजोर भी बना था। 6-7 जून में ‘बिपारजॉय’ की स्पीड 55 किमी प्रतिघंटा थी ये इसका पहला फेज था जबकि इसका दूसरा फेज 9-10 जून के बीच में था जब इसकी गति 120 किमी प्रति घंटा के आस-पास पहुंची और अब ये 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे चल रहा है।

पूरे 9 दिनों से समंदर में पूरी तीव्रता से बना हुआ है और काफी शक्तिशाली हो चुका है और इसी कारण इससे काफी तबाही मचने की आशंका बनी हुई है। यही वजह है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक ने इससे निपटने के लिए कड़े बंदोबस्त कर लिए है। हर मोर्चे पर NDRF और SDRF की टीमें तैनात हैं। 70 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में आने वाली मौसम से जुड़ी आपदाओं की जानकारी पहले ही सटीकता के साथ मिल जाती है, जिससे राहत एवं आपदा बचाव टीम लोगों को समय रहते सुरक्षित कर देती है।
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