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महंगाई का असर, खाने-पीने के सामान के पैकेट हुए छोटे, कंपनियों ने घटाया साइज

लोग महंगाई के चलते अब सामानों के छोटे पैकेट्स खरीदने पर उतर आए हैं। बिजॉम की रिपोर्ट के मुताबिक छोटे पैकेटों की मांग में मई 2023 में जबरदस्त तेजी आई है। मई 2023 में मई 2022 के मुकाबले ब्रांडेड कमोडिटी के छोटे पैकेट की मांग 23 फीसदी का उछाल आया है। कम मात्रा में सामान खरीदने का ये असर FMCG की कुल बिक्री पर भी साफ नजर आ रहा है।

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महंगाई का असर, खाने-पीने के सामान के पैकेट हुए छोटे
महंगाई का असर, खाने-पीने के सामान के पैकेट हुए छोटे

महंगाई के असर से अप्रैल-जून तिमाही में रोजमर्रा के सामानों की बिक्री में गिरावट आई है। लोग महंगाई के चलते अब सामानों के छोटे पैकेट्स खरीदने पर उतर आए हैं। Bijom की रिपोर्ट के मुताबिक पेय पदार्थों की मांग में कमी के चलते अप्रैल-जून में FMCG की बिक्री शहरी इलाकों में 4.7 फीसदी जबकि ग्रामीण इलाकों में 4.6 परसेंट लुढ़क गई है और कुल बिक्री में भी 4.6 फीसदी की गिरावट आई है।

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कुल बिक्री में गिरावट का बड़ा असर पेय पदार्थों की डिमांड, घटना बताया गया है जो बेमौसम बरसात से प्रभावित हुई है। लेकिन महंगाई के असर से अब लोगों के खरीदारी पैटर्न में भी बदलाव आ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई के सामने मजबूर भारतीय परिवार जरुरी सामानों के बड़े पैकेट खरीदने की जगह छोटे पैकेट और पाउच खरीद रहे हैं। ऐसे में 160 रुपये किलो के भाव पर टमाटर खरीदने की जगह लोग टोमाटो प्यूरी का 25 रुपये का 200 ग्राम का पैक खरीद रहे हैं। इसी तरह 400 रुपये किलो का अदरक खरीदने की जगह उसके पेस्ट के छोटे पैक खरीद रहे हैं। 550 रुपये से सीधा 800 रुपये किलो तक जा पहुंचे जीरा पाउडर के छोटे पैके से लेकर खुले बाजार से कम मात्रा में जीरा पाउडर खरीद रहे हैं। जानकारों का भी मानना है कि महंगाई ने लोगों का बजट बिगाड़कर रख दिया है वो संभलकर खर्च कर रहे हैं।

कंपनी घटा रही पैकेटो का साइज
कंपनी घटा रही पैकेटो का साइज

बिजॉम की रिपोर्ट के मुताबिक छोटे पैकेटों की मांग में मई 2023 में जबरदस्त तेजी आई है। मई 2023 में मई 2022 के मुकाबले ब्रांडेड कमोडिटी के छोटे पैकेट की मांग 23 फीसदी का उछाल आया है। कम मात्रा में सामान खरीदने का ये असर FMCG की कुल बिक्री पर भी साफ नजर आ रहा है। बिजॉम के मुताबिक अप्रैल-जून में बड़े शहरों में FMCG की बिक्री 6.4 फीसदी लुढ़क गई है। जबकि छोटे शहरों में सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी की गिरावट आई है। बिक्री में कमी की एक वजह गैर जरूरी उत्पादों पर लोगों का खर्च रकम होना भी रहा है। इसकी झलक पर्सनल केयर और कन्फेक्शनरी उत्पादों की बिक्री में दिखाई दे रही है। अब काफी कुछ उम्मीद मॉनसून से है जिसके सामान्य रहने पर गैर-जरूरी उत्पादों की खरीदारी भी बढ़ सकती है। उम्मीद है कि अगस्त में त्योहारों के आने और खाद्य महंगाई कम रहने की वजह से जुलाई-सितंबर तिमाही में FMCG उत्पादों की खपत में बढ़ोतरी होगी।

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