
BT SPECIAL: जब Ratan Tata को करनी पड़ी थी नौकरी
रतन टाटा को अपना बायोडाटा शेयर करने के बाद साल 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में नौकरी मिल गई थी। रतन टाटा, टाटा परिवार के सदस्य थे, लेकिन उन्हें वहां पर हर काम करना पड़ा। टाटा ग्रुप में नौकरी करते हुए रतन टाटा ने सभी अहम काम सीखे और अपनी मेहनत के दन पर टाटा ग्रुप के सर्वोच्च पद पर पहुंचे।

देश में बेहद कम ऐसे उद्योगपति हैं जिनका नाम आते ही मान और सम्मान की भावना जाग जाती है। ऐसा ही एक नाम है Ratan Tata, जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर Tata Group को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि टाटा ग्रुप में नौकरी पाने के लिए रतन टाटा को जो बायोडाटा या रेज्यूम बनाना पड़ा था वो बेहद दिलचस्प किस्सा था और सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल भी हो रहा है। रतन टाटा को अपनी पहली नौकरी पाने के लिए अच्छे खासे पापड़ बेलने पड़े थे। आइये आपको देते हैं इससे जुड़ी खास जानकारी।
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बेहद कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत एक कर्मचारी के तौर पर की थी। रतन टाटा ने अमेरिका से पढ़ाई की है। वो अमेरिका में ही सेटल होना चाहते थे। लेकिन दादी लेडी नवजबाई की बीमारी के चलते रतन टाटा भारत वापस लौट आए। लेकिन भारत आने के बाद रतन टाटा ने अपनी पहली नौकरी टाटा ग्रुप में नहीं की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा ने भारत आकर IBM में नौकरी करनी शुरू कर दी। लेकिन इसकी उनके परिवार में किसी को भी कानों कान खबर नहीं लगी। बताया जाता है कि जब ये खबर टाटा ग्रुप के प्रमुख JRD Tata को पता चली तो वह नाराज हो गए। दरअसल रतन टाटा के पिता रिश्ते में जेआरडी टाटा के भाई थे। रतन टाटा ने जेआरडी टाटा को याद करते हुए कहा,उन्होंने एक दिन मुझे फोन किया और कहा कि तुम यहां भारत में रहकर IBM के लिए काम क्यों कर रहे हो। टाटा ग्रुप में नौकरी पाने के लिए रतन टाटा को अपना बायोडाटा जेआरडी टाटा के साथ साझा करना था, लेकिन उस वक्त उनके पास अपना बायोडाटा नहीं था। रतन टाटा ने उस समय IBM ऑफिस में एक इलेक्ट्रिक टाइपराइटर पर टाटा ग्रुप में नौकरी पाने के लिए अपना बायोडाटा बनाया था। उन्होंने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि मैं IBM ऑफिस में था और मुझे याद है कि उन्होंने जेआरडी टाटा ने मुझसे बायोडाटा मांगा था, जो मेरे पास नहीं था। कार्यालय में इलेक्ट्रिक टाइपराइटर थे इसलिए एक शाम मैंने बैठकर उस टाइपराइटर पर एक बायोडाटा टाइप किया और उन्हें दे दिया।

रतन टाटा को अपना बायोडाटा शेयर करने के बाद साल 1962 में Tata Industries में नौकरी मिल गई थी। रतन टाटा, टाटा परिवार के सदस्य थे, लेकिन उन्हें वहां पर हर काम करना पड़ा। टाटा ग्रुप में नौकरी करते हुए रतन टाटा ने सभी अहम काम सीखे और अपनी मेहनत के दन पर टाटा ग्रुप के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। साल 1991 में जेआरडी टाटा के निधन के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला। रतन टाटा भारत के सबसे फेमस बिजनेस टाइकून्स में से एक हैं।
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