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ईवी को मिलेगी नई रफ्तार! सरकार लाई EV पॉलिसी 2.0 का ड्राफ्ट, चार्जिंग और बैटरी रीसाइक्लिंग पर बड़ा फोकस

मौजूदा ईवी पॉलिसी 31 दिसंबर को खत्म हो रही है, और अधिकारियों के अनुसार नई पॉलिसी को नए साल (जनवरी) से लागू किया जा सकता है।

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Delhi EV Policy 2.0
नई ई-व्हीकल पॉलिसी 2.0 को नए साल से लागू किया जा सकता है. Photo: Freepik

Delhi EV Policy 2.0: दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को इस ड्राफ्ट पर अंतिम चर्चा के लिए मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक बुलाई।

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इस बैठक के बाद, ड्राफ्ट को जनता और सभी हितधारकों से सुझाव लेने के लिए पब्लिक किया जाएगा, ताकि पॉलिसी को और भी प्रभावी और बड़ा बनाया जा सके। मौजूदा ईवी पॉलिसी 31 दिसंबर को खत्म हो रही है, और अधिकारियों के अनुसार नई पॉलिसी को नए साल (जनवरी) से लागू किया जा सकता है।

तीन मुख्य क्षेत्रों पर होगा नया फोकस

सूत्रों के मुताबिक, इस बार ईवी पॉलिसी 2.0 में सरकार का ध्यान तीन प्रमुख क्षेत्रों पर रहेगा: चार्जिंग नेटवर्क, बैटरी रीसाइक्लिंग और बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट।

1. बैटरी रीसाइक्लिंग की मजबूत व्यवस्था

इलेक्ट्रिक वाहनों की लिथियम-आयन बैटरियों की लाइफसाइकल करीब 8 साल की होती है, जिसके बाद उनके निपटान की समस्या एक बड़ी चुनौती बनती है। ड्राफ्ट में इस समस्या से निपटने के लिए एक व्यवस्थित बैटरी रीसाइक्लिंग चेन बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत संग्रहण, रीसाइक्लिंग और सुरक्षित निपटान का पूरा सिस्टम दिल्ली में पहली बार लागू होगी।

2. गाड़ियों को कन्वर्ट करने पर मिल सकती है 50% तक छूट

दिल्ली सरकार का इरादा है कि लोगों को अपनी पुरानी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने पर 50% तक छूट दी जाए। अगर लोगों को यह छूट नहीं मिलती है, तो वे आसानी से अपनी गाड़ियां कन्वर्ट नहीं कराते। सरकार गाड़ियों की मार्केट वैल्यू के आधार पर यह छूट देना चाहती है, हालांकि इस पर अंतिम मुहर कैबिनेट में लगेगी।

अधिकारियों ने एक ईवी फंड का प्रस्ताव भी रखा है। विभाग का मानना है कि पहले की तरह मिल रही सब्सिडी जारी रहेगी, लेकिन इस पर ज्यादा जोर नहीं दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर व्यक्तिगत और व्यावसायिक खरीदार अब सब्सिडी पर निर्भर हुए बिना ही इलेक्ट्रिक व्हीकल चुन रहे हैं।

3. 2030 तक 5,000 चार्जिंग स्टेशन का लक्ष्य

सरकार ने 2030 तक शहर भर में 5,000 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। सरकार का कहना है कि ईवी को बढ़ावा देने के लिए सबसे बुनियादी जरूरत सुलभ और तेज चार्जिंग सुविधा है। हर स्टेशन पर 4-5 चार्जिंग पॉइंट होंगे, जिन्हें मार्केट कॉम्प्लेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग, सोसायटी परिसर और प्रमुख सड़कों के किनारे डेवलप किया जाएगा।

लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के लिए नई EV वैन

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नई पॉलिसी में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को बदलने का एक बड़ा प्रस्ताव शामिल है। सरकार 7 यात्रियों और एक ड्राइवर की क्षमता वाली छोटी ईवी वैन को 'ग्रामीण सेवा' जैसे मॉडल की तरह चलाने पर विचार कर रही है।

यह वैन संकरी कॉलोनियों, भीड़भाड़ वाले बाजारों और मेट्रो स्टेशनों के आसपास के उन इलाकों में भी चल पाएंगी, जहां बसें नहीं पहुंच पातीं। साथ ही, ई-रिक्शा के लिए संगठित रूट निर्धारित करने का भी प्रस्ताव है, जिससे शहर में उनका संचालन अधिक सुव्यवस्थित हो सके।