
डेट सीलिंग पर फंसा पेंच, क्या अमेरिका करेगा डिफॉल्ट?
इस वक्त दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश भयानक संकट से गुजर रहा है। हालात ये हो गए कि अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन को अपना बाइडेन क्वाड मीटिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा भी रद्द करना पड़ गया है। आय दिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर दुनिया के दिग्गजों के नए-नए बयान आ रहे हैं। इसी बीच IMF यानि इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और एक बार फिर अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने बड़ी चेतावनी जारी की है। IMF ने अपने बयान में कहा है कि अगर अमेरिका डिफॉल्ट होता है तो पूरी दुनिया में आर्थिक अस्थिरता आ सकती है और इसके परिणाम दुनिया के लिए काफी घातक साबित हो सकते हैं।

इस वक्त दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश भयानक संकट से गुजर रहा है। हालात ये हो गए कि अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन को अपना बाइडेन क्वाड मीटिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा भी रद्द करना पड़ गया है। आय दिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर दुनिया के दिग्गजों के नए-नए बयान आ रहे हैं। इसी बीच IMF यानि इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और एक बार फिर अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने बड़ी चेतावनी जारी की है। जिसके बाद से पूरी दुनिया सहम गई है। इन बयानों ने अमेरिका की वित्तीय स्थिति पूरी पोल खोल कर रख दी है। सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अमेरिका पर क्या बोला है और उसके बाद बताएंगे कि IMF के बयान जेनेट येलेन ने क्या चेतावनी दी है।
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IMF ने अपने बयान में कहा है कि अगर अमेरिका डिफॉल्ट होता है तो पूरी दुनिया में आर्थिक अस्थिरता आ सकती है और इसके परिणाम दुनिया के लिए काफी घातक साबित हो सकते हैं। IMF की कम्यूनिकेशन डायरेक्टर जूली कोजैक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर अमेरिका डिफॉल्ट करता है तो इससे सिर्फ अमेरिका को ही नहीं बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिकी डिफॉल्ट की स्थिति में उच्च उधार लागत, व्यापक वैश्विक अस्थिरता और आर्थिक नतीजों की संभावना की चेतावनी दी।

वहीं दूसरी ओर IMF के बाद अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन अमेरिका के कर्ज डिफॉल्ट करने को लेकर चेतावनी दी है। जेनेट येलेन ने कम्यूनिटी बैंकर्स को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका ने डिफॉल्ट किया तो इससे करोड़ों अमेरिकी संकट में आ सकते हैं। लोगों को सैलरी संकट का सामना करना पड़ सकता है। जिसका सीधा मतलब है मंदी आ सकती है, जिससे लोगों की नौकरियां और कारोबार ठप्प हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि देश अप्रत्याशित आर्थिक और फाइनैंशियल संकट के मुहाने पर खड़ा है। एयर ट्राफिक कंट्रोल से लेकर लेकर कानून व्यवस्था, सीमा सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और टेलीकम्यूनिकेशन सिस्टम्स में बड़ी रूकावट पैदा हो सकती है।
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आपके सामने पूरी पिक्चर क्लीयर है। अमेरिका इस वक्त बड़े कर्ज संकट से गुजर रहा है और अब एक के बाद दुनिया की बड़ी संस्थाएं और खुद अमेरिकी सरकार भी इसकी तस्दीक कर चुके हैं। अमेरिका की सरकार के पास अब अपने बिलों का भुगतान करने और अपने कर्ज चुकाने के लिए पैसों की सख्त कमी और खजाना भी खाली होता जा रहा है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय की ओर से चेतावनी के बाद से ही अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि राजकोषीय भंडार को बरकरार रखा जाए, जिससे सरकार अपने बिलों का भुगतान जारी रख सके, क्योंकि उन्हें 1 जून तक अगर अमेरिका अपने बकाए का भुगतान नहीं कर पाया तो वो डिफॉल्ट कर जाएगा। लेकिन फिलहाल अमेरिका की देश की दोनों प्रमुख पार्टियां इस परेशानी का हल अभी तक नहीं ढूंढ पाई हैं।
