
Naveen Patnaik के पावरफुल IAS अफसर ने लिया VRS, चुनाव में मिलेगी जिम्मेदारी
वरिष्ठ कांग्रेस विधायक एसएस सलूजा ने पांडियन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं. उन्हें यह पहले ही कर लेना चाहिए था।

Odisha के मुख्यमंत्री Naveen Patnaik के निजी सचिव और आईएएस अधिकारी VK Pandian ने सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। आमतौर पर राजनीतिक हलकों में वी के पांडियन को प्रॉक्सी सीएम कहा जाता था। सोमवार को केंद्र ने उनके VRS को मंजूरी दे दी है। पांडियन ने यह कदम विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले उठाया है। वो ओडिशा कैडर के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी थे। माना जा रहा है कि वो BJD में शामिल हो सकते हैं और सीएम पटनायक की तरफ से उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पांडियन जल्द पार्टी में शामिल हो सकते हैं। अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। उससे पहले पार्टी की तरफ से उन्हें एक महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी के रूप में पांडियन जितने चर्चा में रहे, उतने अक्सर विवादों में भी घिरे रहे हैं। विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि वो राजनीतिक लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। पांडियन मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं लेकिन पिछले काफी सालों से ओडिशा में ही अहम पदों पर रहे हैं।
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'पांडियन ने 2002 में करियर की शुरुआत की'
पांडियन ने अपने नौकरशाही करियर की शुरुआत साल 2002 में की थी। तब उन्होंने कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के डिप्टी कलेक्टर के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। 2005 में पांडियन को मयूरभंज जिले का कलेक्टर बनाया गया और फिर 2007 में गंजम का कलेक्टर बनाया गया। कहा जाता है कि गंजम में अपनी पोस्टिंग के दौरान ही वो मुख्यमंत्री के करीबी बन गए।
'गंजम के कलेक्टर बने और जीत लिया पटनायक का भरोसा'\
दरअसल, नवीन पटनायक मूल रूप से गंजम जिले के रहने वाले हैं। पांडियन 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से अटैच हो गए। तब से वो पटनायक के निजी सचिव रहे हैं। 2019 में पटनायक के पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पांडियन को सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए '5T सेक्रेटरी' की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।
'हेलिकॉप्टर से तूफानी दौरा कर चर्चा में आए थे'
वहीं, विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस लगातार पांडियन की भूमिका को लेकर सवाल उठाते आए हैं। विपक्ष ने तो यहां तक कहा कि पांडियन को नौकरी से इस्तीफा देना चाहिए और आधिकारिक तौर पर बीजद में शामिल होना चाहिए। चूंकि पांडियन खुद हेलिकॉप्टर से पूरे प्रदेश के दौरे पर निकले थे और उन्होंने जनता की शिकायतें सुनने के लिए 190 बैठकें की थीं।

'सिर्फ तीन दिन में वीआरएस मंजूर?'
कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उलाका ने कहा, अगर पांडियन अगले चुनाव से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते हैं तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा। उन्होंने एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा, ओडिशा में पावर स्ट्रक्चर ऐसा है, किसी को पता नहीं है कि क्या हो रहा है, लेकिन हर कोई जानता है कि कंट्रोल कौन कर रहा है। छुट्टियों के दौरान 3 दिनों में VRS को मंजूरी- ये भी हैरान करने वाला है
'पहले ही नौकरी से दे देना चाहिए था इस्तीफा'
वरिष्ठ कांग्रेस विधायक एसएस सलूजा ने पांडियन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं. उन्हें यह पहले ही कर लेना चाहिए था। हमें नहीं पता कि वो राजनीति में शामिल होंगे या अपने राज्य में वापस लौट जाएंगे। हालांकि, अगर वो बीजद में शामिल होते हैं तो यह विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस के लिए मददगार होगा।
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