
भारत में आई बाढ़ ने कितनी आर्थिक तबाही मचाई ?
भारत के कई राज्य इस वक्त बाढ़ की आपदा से झेल रहे है। इस दौरान सरकार सहित आम लोगो को काफी नुसकान हुआ है। देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने इस नुकसान पर रिपोर्ट जारी की है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट Ecowrap के मुताबिक बाढ़ की वजह से देश को 10,000 से लेकर 15,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान जताया है।

भारत में बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई, जो पहले न कभी देखी गई और न ही सुनी गई। बाढ़, बारिश और बर्बादी से घर-कस्बे-मकान चुटकियों में उजड़ गए। उत्तर भारत की ज्यादातर नदियां उफनती नजर आईं। देश की राजधानी दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बाढ़ कहर बनकर टूटी है। चलिए अब आपको बताते हैं कि इस तबाही से कितना बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने इस नुकसान पर रिपोर्ट जारी की है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट Ecowrap के मुताबिक बाढ़ की वजह से देश को 10,000 से लेकर 15,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान जताया है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बाढ़ और बिपरजॉय तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते जानमाल का नुकसान देश के लिए चिंता की बात है।
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इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में भारत में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की तुलना अमेरिका और चीन जैसे देशों से भी की गई है ताकि नुकसान की सही तस्वीर सामने आ सके। साल 1990 के बाद से भारत को कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है। इस दौरान अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं का सामना भारत को ही करना पड़ा है। साल 1900 के बाद से भारत में भूस्खलन, तूफान, भूकंप, बाढ़ और सूखे की 764 घटनाएं हुई हैं। 1900 से 2000 के बीच देश में इस तरह की 402 आपदाएं आईं जबकि पिछले 2001 से 2022 के बीच इस तरह की 361 घटनाएं हो चुकी हैं। SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 41% प्राकृतिक आपदा का कारण बाढ़ है जबकि तूफान दूसरे नंबर पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के लोगों के पास इस नुकसान से बचने के लिए इंश्योरेंस की कमी है। जिसके आंकड़े भी साझा किए गए हैं।

SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रोटेक्शन गैप बना हुआ है। अगर साल 2020 में आई बाढ़ की बात करें तो इससे कुल 7.5 अरब डॉलर यानी करीब 52,500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ था जबकि लोगों के पास सिर्फ 11% का इंश्योरेंस कवर था। साल 2022 में प्राकृतिक आपदाओं के चलते ग्लोबल लेवल पर टोटल 275 बिलियन डॉलर यानी 22.56 लाख करोड़ रुपए के इकोनॉमिक लॉस में से 10.25 लाख करोड़ रुपए बीमा कवर किया गया था। इस हिसाब से 2022 में ओवरऑल प्रोटेक्शन गैप बढ़कर 12.38 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि 10 साल के एवरेज 10.66 लाख करोड़ रुपए से बहुत ज्यादा है। ये बिना बीमा के टोटल नुकसान का लगभग 54% है। SBI रिसर्च रिपोर्ट में कोविड -19 महामारी का जिक्र भी किया गया है, जिसने पब्लिक हेल्थ और बिजनेस तैयारियों में सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा किया है। भारत को प्राकृतिक आपदाओं के लिए 'आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोल्यूशन' और प्रोटेक्शन गैप के संबंध में व्यवसायों में जागरूकता की आवश्यकता है।
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