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Canada PM Justin Trudeau: भारत के साथ कितने बड़े हैं कारोबारी रिश्ते?

कनाडा में करीब 40 प्रतिशत विदेशी स्टूडेंट हैं। इसी बीच कनाडा में पढ़ रहे इंडियन स्टूडेंट को बड़ा झटका लग सकता है। पंजाब से काफी ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए कनाडा जाते हैं। कनाडा में इस समय पंजाब के करीब दो लाख स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए स्टडी वीजा पर गए हैं।

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G20 2023 खत्म होने के बाद भारत-कनाडा रिश्तों को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है
G20 2023 खत्म होने के बाद भारत-कनाडा रिश्तों को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है

जब से G20 2023 खत्म हुआ है, तब से भारत-कनाडा रिश्तों को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। दोनों देशों के बीच गरमा-गरमी इस कदर हो गई है कि दोनों देशों ने अपने देशों से एंबेसडर को बाहर कर दिया है। भारत की ओर से आरोप यह है कि कनाडा उन तत्वों को सपोर्ट कर रहा है जो भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। यही वो वजह है भारत और कनाडा के बीच तनाव बन गया है। ये तनाव इतना गहरा है कि दोनों देशों के आपसी व्यापार पर देखने को मिल सकता है। आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में दोनों देशों के बीच 8 बिलियन डॉलर यानी करीब 67 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। साल 2022 में भारत कनाडा का 10वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रह चुका है। अगर इसे एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में डिवाइड करें तो भारत ने कनाडा को 4.11 बिलियन डॉलर यानी 34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सामान निर्यात किया। अगर उन सामानों की बात करें तो भारत कनाडा को बेचा था उसमें फार्मास्यूटिकल्स, आयरन प्रोडक्ट्स, टेलीकॉम कंपोनेंट, गारमेंट्स, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटो कंपोनेंट, आयरन और स्टील एक्सपोर्ट करता है।

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अगर बात भारत के कनाडा से इंपोर्ट की करें तो वो भी एक्सपोर्ट के बराबर ही है। दोनों में कुछ ज्यादा अंतर नहीं है। आधिकारिक आंकड़ों को देखें तो भारत का कनाडा से इंपोर्ट 4.17 बिलियन डॉलर यानी 35 हजार करोड़ से थोड़ा सा कम है। भारत कनाडा से कोयला, फर्टीलाइजर, दालें, और एल्युमीनियम जैसे सामान इंपोर्ट करता है। जानकारों की मानें तो भारत इन सामानों को दूसरे देशों से भी इंपोर्ट कर सकता है। इन सब सामान के लिए भारत को कनाडा की खास जरुरत नहीं है।

साल 2022 में भारत कनाडा का 10वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रह चुका है
साल 2022 में भारत कनाडा का 10वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रह चुका है

मौजूदा समय में दुनिया की हर बड़ी कंपनी और देश भारत में निवेश करने के लिए लाइन में खड़े है। मौजूदा समय में ताइवान जैसा देश इसका जीता जागता उदाहरण है। जिसकी फॉक्सकॉन कंपनी भारत में कई प्लांट लगा रही है।  इसका कारण है भारत का बाजार। जिसकी ग्रोथ में किसी को भी शक नहीं है। साथ मजबूत होती भारत की अर्थव्यवस्था। ये बात कनाडा भी जानता है। आंकड़ों के अनुसार, कनाडाई पेंशन फंड ने भारत में 55 बिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश किया है। 600 से अधिक कनाडाई कंपनियों की भारत में दर्ज है। 1,000 से अधिक कंपनियां सक्रिय रूप से भारतीय बाजार में कारोबार कर रही हैं। कनाडा में करीब 40% विदेशी स्टूडेंट हैं। इसी बीच कनाडा में पढ़ रहे इंडियन स्टूडेंट को बड़ा झटका लग सकता है। पंजाब से काफी ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए कनाडा जाते हैं। कनाडा में इस समय पंजाब के करीब दो लाख स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए स्टडी वीजा पर गए हैं। ऐसे में स्टूडेंट पर करीब 25 लाख रुपये फीस का खर्च होता है। हालांकि, अगर दोनों में देशों में तनाव बढ़ता रहा तो कनाडा अपने देश में आने के नियम सख्त कर सकता है। इसमें उनका वीजा कैंसिल कर डिपोर्ट करना भी शामिल है।

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