
Bengaluru: Bengaluru में कारपूल सेवाओं पर 'प्रतिबंध' पर लोग भड़के, सरकार बोली ऐसा कुछ नहीं
कर्नाटक मोटर वाहन नियम, 1989 पुराने हो चुके हैं और वर्तमान समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं। वहीं बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या ने पोस्ट किया, "कर्नाटक सरकार को पुराने नियमों के बजाय 'जीवन की गुणवत्ता' को प्राथमिकता देनी चाहिए और शहर में भीड़ कम करने के लिए राइडशेयरिंग ऐप्स के बीच नवाचार को प्रोत्साहित करना चाहिए।"

Bengaluru में कारपूल सेवाओं पर 'प्रतिबंध' पर कर्नाटक सरकार के स्पष्टीकरण के बावजूद, नेटिज़न्स ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते शहर में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम जैसी घटनाओं से अभी तक सीख नहीं ली है। लोगों का कहना है कि Carpooling पर बैन लगाने का बेतुका फरमान बकवास है। कैब और ऑटो एसोसिएशनों द्वारा दर्ज की गई कई शिकायतों के जवाब में, परिवहन अधिकारियों ने कैब के रूप में अपंजीकृत वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था और लोगों पर 10,000 तक जुर्माना लगाने की बात कही गई थी। लोगों का आरोप था कि लोग अपनी मर्जी से कार पूल करते हैं ताकि ट्रैफिक से बच सकें। फिलहाल बैंगलुरू में ब्लाब्लाकार, क्विकराइड, राइडशेयर, कम्यूट ईज़ी और कारपूल अड्डा जैसे ऐप यात्रियों के लिए कारपूल सेवाएं चला रहे हैं जिसका टैक्सी वाले विरोध कर रहे हैं।
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सोशल मीडिया पर आक्रोश के बीच, कर्नाटक के परिवहन मंत्री Ramalinga Reddy ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने बेंगलुरु में कारपूलिंग पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन कहा है कि आवश्यक अनुमति लेनी होगी। वहीं लोगों का कहना है कि कारपूलिंग के लिए सरकारी इजाजत लेने की जरूरत क्यों हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बैंगलुरू में ऑटो और टैक्सी वाले मनमानी करते हैं ऐसे में लोग कारपूलिंग कर रहे हैं तो हरजा क्या है? कर्नाटक मोटर वाहन नियम, 1989 पुराने हो चुके हैं और वर्तमान समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं। वहीं बीजेपी नेता Tejsavi Surya ने पोस्ट किया, "कर्नाटक सरकार को पुराने नियमों के बजाय 'जीवन की गुणवत्ता' को प्राथमिकता देनी चाहिए और शहर में भीड़ कम करने के लिए राइडशेयरिंग ऐप्स के बीच नवाचार को प्रोत्साहित करना चाहिए।"
