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₹31 लाख टैक्स वाली Tesla कार पर मचा बवाल, CA बोला- हम तो सालों से भर रहे ऐसे टैक्स

Tesla कार की कीमत के साथ लोग उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर हैरान है। सोशल मीडिया पर CA का पोस्ट खूब वायरल हो रहा है।

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Soon after Tesla's India launch, netizens were left with a sour taste in their mouths due to the exorbitant pricing and heavy taxes.
Soon after Tesla's India launch, netizens were left with a sour taste in their mouths due to the exorbitant pricing and heavy taxes.

भारत में Tesla की एंट्री जितनी बड़ी थी, उससे कहीं बड़ा सवाल उसके दामों को लेकर खड़ा हो गया है। मुंबई में पहला शोरूम खुलते ही लोगों की नजरें कार की कीमत पर टिक गईं। Tesla की Model Y कार की शुरुआती कीमत ₹59.89 लाख रखी गई है, जबकि इसका एक और वेरिएंट ₹67.89 लाख का है। लेकिन असली चौंकाने वाली बात ये है कि कार की कीमत के लगभग बराबर का टैक्स देना पड़ रहा है। 

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CA ने खोली टैक्स की सच्चाई

इस पूरे मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने सोशल मीडिया पर ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि अब भारी टैक्स देने का भी एक नया नाम "Tesla" बन गया है। लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे अपनी खुद की कार की इनवॉइस देख लें, शायद उन्हें पता चले कि वो भी सालों से बिना आवाज उठाए ऐसे ही टैक्स भरते आ रहे हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक आम गैर-लग्जरी कार पर भी उन्हें 50% से ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा है।

Tesla की यही कार अमेरिका में लगभग ₹38 लाख, चीन में ₹31.5 लाख और जर्मनी में ₹46 लाख में मिल रही है। वहीं भारत में इसकी कीमत 60 से 68 लाख के बीच है। फर्क सिर्फ ब्रांड का नहीं, टैक्स का है। भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 70% तक इम्पोर्ट ड्यूटी और करीब 30% लग्जरी टैक्स वसूला जाता है, जिससे कीमत डबल जैसी हो जाती है।

सोशल मीडिया पर भड़के लोग

Tesla की कीमत सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी फूट पड़ी। किसी ने कहा कि "Tesla तो ठीक है, यहां तो AC पर भी 28% टैक्स लगता है।" एक यूजर ने लिखा कि हम एक गरीब देश हैं, जहां हर चीज लग्जरी बन चुकी है। 

Tesla के बहाने एक बार फिर भारत में टैक्स स्ट्रक्चर पर सवाल उठने लगे हैं। अगर एक इनोवेटिव और पर्यावरण के लिए फायदेमंद गाड़ी भी आम लोगों की पहुंच से दूर है, तो क्या इसका कारण सिर्फ ब्रांड है या टैक्स सिस्टम?

कई लोग अब सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि वो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर लगने वाले भारी टैक्स को घटाए, ताकि देश में ग्रीन एनर्जी और तकनीक को बढ़ावा मिल सके। वरना Tesla जैसी कंपनियां सिर्फ अमीरों तक ही सीमित रह जाएंगी।

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