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India-UK FTA से बदलेगा सोलर कारोबार का खेल, अब बिना ड्यूटी के UK भेज सकेंगे सोलर प्रोडक्ट

India-UK Free Trade Agreement ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में एक नया जोश भर दिया है। इससे सोलर और विंड एनर्जी से जुड़ी कंपनियों को फायदा होगा।

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भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच 24 जुलाई को हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India-UK Free Trade Agreement) ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में एक नया जोश भर दिया है। खासकर सोलर और विंड एनर्जी से जुड़ी कंपनियों के लिए ये समझौता किसी सुनहरे मौके से कम नहीं है।

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इस एग्रीमेंट के तहत अब भारत से UK को भेजे जाने वाले सोलर मॉड्यूल, विंड टरबाइन और अन्य क्लीन एनर्जी प्रोडक्ट्स पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी। इसका सीधा फायदा भारत की उन कंपनियों को मिलेगा जो सोलर एनर्जी या हरित तकनीक (Green Tech) के सेक्टर में काम कर रही हैं।

Gautam Solar जैसी भारतीय कंपनियों के लिए ये मौका अपने ग्लोबल फुटप्रिंट को और मजबूत करने का है। Gautam Solar के मुताबिक ये FTA भारत की टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को दुनिया के सामने लाने का बेहतरीन मौका है। कंपनी का मानना है कि यह समझौता न सिर्फ बिजनेस को बढ़ावा देगा, बल्कि इन्वेस्टमेंट, इनफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन इनोवेशन को भी मजबूती देगा।

UK ने 2050 तक Net-Zero एमिशन का गोल रखा है। इस दिशा में भारत एक भरोसेमंद पार्टनर के तौर पर उभरा है। भारतीय सोलर कंपनियों की कम लागत, उच्च गुणवत्ता, और टेक्नोलॉजी में दक्षता अब UK की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकती है।

FTA के तहत UK अब भारत से बिना टैक्स के बड़ी मात्रा में सोलर और ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी मंगवा सकता है। इस समझौते से भारत में निवेश बढ़ेगा, कंपनियां अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी में इज़ाफा करेंगी, और नई तकनीकों पर रिसर्च को भी बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा असर भारत की ग्रीन इकॉनमी पर पड़ेगा, जो आने वाले समय में रोजगार और निर्यात दोनों बढ़ाएगा।