COVID-19 Cases India: देश में फिर बढ़े मामले! JN.1 कितना खतरनाक? इन गाइडलाइंस को करें फॉलो
सिंगापुर और हांगकांग जैसे पड़ोसी देशों में ज्यादा संक्रामक वेरिएंट जेएन.1 (JN.1) से संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसके कारण भारत में भी स्वास्थ्य अधिकारी नए सिरे से सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि JN.1 वैरिएंट की रफ्तार भारत में धीरे ही सही लेकिन बढ़ रही है।

COVID-19 Cases India: भारत में कोविड-19 के मामले फिलहाल कम है लेकिन छिपे नहीं है। 19 मई तक देश में 257 एक्टिव केस थे जो यह सबूत है कि यह वायरस अभी तक खत्म नहीं हुआ है।
सिंगापुर और हांगकांग जैसे पड़ोसी देशों में ज्यादा संक्रामक वेरिएंट जेएन.1 (JN.1) से संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसके कारण भारत में भी स्वास्थ्य अधिकारी नए सिरे से सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि JN.1 वैरिएंट की रफ्तार भारत में धीरे ही सही लेकिन बढ़ रही है।
पिछले हफ़्ते (12-19 मई) में भारत में कोविड-19 के 164 नए मामले सामने आए, जिनमें से ज़्यादातर केरल (95), तमिलनाडु (66) और महाराष्ट्र (56) में थे।
अच्छी खबर यह है कि लगभग सभी संक्रमण हल्के हैं, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी में कोई वृद्धि नहीं हुई है। लेकिन इस नए JN.1 वेरिएंट ने लोगों की आँखें खोल दी हैं।
ओमिक्रॉन BA.2.86 परिवार का यह वेरिएंट JN.1 अपनी उच्च संक्रामकता और शक्तिशाली इम्यून बचाव के कारण तेजी से एक प्रमुख ग्लोबल स्ट्रेन बन गया है।
इसके स्पाइक प्रोटीन में एक विशिष्ट म्यूटेशन (L455S) मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने की इसकी क्षमता को बढ़ाता है, जिससे यह XBB.1.5 की तुलना में 1.5 गुना अधिक संक्रामक हो जाता है, और BA.2.86 और EG.5.1 जैसे अन्य हालिया सब-वेरिएंट की तुलना में काफी अधिक संक्रामक हो जाता है।
भारत में मौजूदा उछाल JN.1 से जुड़ा है, साथ ही नए सबवेरिएंट LF.7 और NB.1.8 - जो पहले से ही एशिया के कुछ हिस्सों में बढ़ रहे हैं - का भी पता चला है। हालांकि इससे पिछले ओमिक्रॉन प्रकारों की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी नहीं होती है।
भारत में जोखिम का स्तर कम
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि भारत में जोखिम का स्तर कम बना हुआ है और घबराने की कोई बात नहीं है। अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या स्थिर है, और हाल ही में हुई कुछ मौतें - जैसे कि मुंबई में - पहले से मौजूद किसी कारण से हुई थीं, न कि कोविड-19 के कारण।
फिर भी, स्वास्थ्य अधिकारी इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
इन गाइडलाइंस का करें पालन
- टीकाकरण और बूस्टर शॉट्स पर बने रहें।
- भीड़भाड़ वाले या खराब हवादार क्षेत्रों में मास्क पहनें।
- हाथ की स्वच्छता बनाएं रखें।
- लक्षण होने पर अलग-थलग रहें।
- बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों से विशेष सावधानी बरते।
जेएन.1 की कोई वैक्सीन है?
जेएन.1 को टारगेट करने वाले फिलहाल कोई नए उपचार नहीं हैं। अभी तक सिर्फ वर्तमान में मौजूद पैक्सलोविड, रेमडेसिविर और मोलनुपिराविर वैक्सीन है। किसी भी वेरिएंट-विशिष्ट दवा को मंजूरी नहीं दी गई है।