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Axiom मिशन पर जा रहे भारतीय कैप्टन को नहीं मिलेगा NASA-ISRO से कोई पैसा, मिलेगी सिर्फ इतनी सैलरी

Shubhanshu Shukla Salary: Axiom Mission-4 पर जाने वाले शुभम शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप 4 कैप्टन है। आइए, जानते हैं कि शुभम शुक्ला को इस मिशन के लिए कितनी सैलरी मिलेगी।

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shubhanshu shukla
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भारतीय वायुसेना के ग्रुप 4 कैप्टन शुभांशु शुक्ला को हाल ही में अंतरिक्ष से जुड़ी एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें दुनिया की दो सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी NASA और ISRO द्वारा Axiom Mission-4 के लिए चुना गया है। यह मिशन 14 दिनों का होगा, जिसमें शुभांशु अंतरिक्ष में रिसर्च और अन्य वैज्ञानिक कार्यों को अंजाम देंगे।

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क्या है Axiom Mission-4? (What is Axiom Mission-4?)

Axiom Mission-4 एक खास अंतरिक्ष मिशन है, जिसे NASA और ISRO मिलकर अंजाम दे रहे हैं। इस मिशन में अलग-अलग देशों से चुने गए एस्ट्रोनॉट्स को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजा जाएगा, जहां वे वैज्ञानिक रिसर्च करेंगे। यह मिशन पूरी तरह से वैज्ञानिक अनुसंधान और ट्रेनिंग पर केंद्रित है।

किसने की है मिशन की फंडिंग? (Who funded Axiom Mission-4?)

इस मिशन की कुल लागत लगभग ₹548 करोड़ रुपये है। यह रकम मुख्य रूप से ट्रेनिंग, लॉन्च लॉजिस्टिक्स और मिशन से जुड़ी तमाम रिसर्च गतिविधियों पर खर्च की जा रही है। इसकी पूरी फंडिंग NASA और ISRO की तरफ से की जा रही है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस मिशन के लिए किसी भी एस्ट्रोनॉट को अलग से पैसे नहीं दिए जाएंगे।

शुभांशु शुक्ला को कौन देगा सैलरी? (Who will pay salary to Shubhanshu Shukla?)

भले ही शुभांशु इस मिशन पर NASA और ISRO के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सैलरी सिर्फ भारतीय वायुसेना से मिलेगी। यानी मिशन के दौरान भी वे ग्रुप 4 कैप्टन के पद पर बने रहेंगे और उसी पद के तहत उन्हें वेतन मिलेगा।

कितनी है शुभांशु की सैलरी? (What is Shubhanshu salary?)

AmbitionBox की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना में ग्रुप 4 कैप्टन की सैलरी करीब ₹2.43 लाख से ₹2.53 लाख प्रति माह होती है। यानी सालाना पैकेज ₹18 लाख से ₹65 लाख तक हो सकता है। चूंकि मिशन 14 दिन का है, इसलिए उन्हें इन 14 दिनों के लिए लगभग ₹1,18,292 रुपये सैलरी के रूप में मिलेंगे।

इस सैलरी में कोई अतिरिक्त अंतरिक्ष मिशन भत्ता या बोनस शामिल नहीं है। यानी, शुभांशु को सिर्फ अपने नियमित ग्रेड के तहत वेतन मिलेगा, चाहे वे धरती पर हों या अंतरिक्ष में।

क्यों खास है यह मिशन?

भारत के लिए यह एक गर्व का मौका है कि उसका एक वायुसेना अफसर अब अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनेगा। इससे पहले इस तरह की मिशन में आमतौर पर वैज्ञानिक या विशेष रूप से प्रशिक्षित एस्ट्रोनॉट्स ही शामिल होते थे। शुभांशु शुक्ला जैसे एयरफोर्स अधिकारी का सेलेक्शन यह दिखाता है कि भारत की डिफेंस फोर्सेज अब सिर्फ धरती पर ही नहीं, अंतरिक्ष में भी अपनी भागीदारी निभा रही हैं।

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