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UPI Transaction: भारत सरकार का नया कदम, कुछ मोबाइल नंबरों पर यूपीआई ट्रांजैक्शन होंगे ब्लॉक

सरकार ने यूपीआई से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कुछ मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया है। इसका मतलब है कि इन नंबर से अब यूपीआई ट्रांजैक्शन नहीं हो पाएगा।

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UPI
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भारत सरकार ने कुछ खास मोबाइल नंबरों पर होने वाले UPI ट्रांजैक्शन (UPI transactions) को ब्लॉक कर दिया। दूरसंचार विभाग (DoT - Department of Telecommunications) ने बुधवार को एक नया फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (Financial Fraud Risk Indicator - FRI) लॉन्च किया है। यह नया सिस्टम उन मोबाइल नंबरों को पहचान करेगा जिन पर धोखाधड़ी होने का खतरा है। 

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यह नया सिस्टम दूरसंचार विभाग के डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (Digital Intelligence Platform - DIP) का हिस्सा है। इसका मकसद भारत में डिजिटल लेनदेन (digital transactions) को और ज्यादा सुरक्षित बनाना है। इस FRI सिस्टम से बैंकों, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs), और UPI सर्विस देने वाले ऐप्स जैसे फोनपे (PhonePe), पेटीएम (Paytm), और गूगल पे (Google Pay) को मदद मिलेगी। इस सिस्टम से वे समय से पहले धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन को रोक पाएंगे।

FRI सिस्टम कैसे काम करेगा?

दूरसंचार विभाग ने बताया कि यह नया FRI सिस्टम उन मोबाइल नंबरों को सेलेक्ट करेगा जो साइबर क्रइम, गलत या फेल हुए वेरिफिकेशन और नियमों के उल्लंघन कर सकते हैं। इसके बाद यह नंबर तीन लेवल में बांटे जाएंगे।

इस प्रोसेस में दूरसंचार विभाग एनसीआरपी (National Cyber Crime Reporting Portal) अन्य प्लेटफॉर्म्स और बैंकों से जानकारी लेकर मोबाइल नंबरों की जांच करता रहेगा। इसके बाद रिस्क वाले नंबरों की लिस्ट सभी संस्थानों के साथ साझा की जाएगी ताकि वे तुरंत काम कर सकें।

लेनदेन में सुरक्षा कैसे बढ़ेगी?

अगर कोई यूजर "बहुत हाई रिस्क" वाले मोबाइल नंबर पर पैसे भेजने की कोशिश करेगा, तो UPI ऐप तुरंत उस ट्रांजैक्शन को ब्लॉक कर देगा और यूजर को अलर्ट करेगा। इसके अलावा, ये ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स भी धोखाधड़ी रोकने के लिए एकस्ट्रा सिक्योरिटी के लिए कदम उठा रहे हैं।

भारत में साइबर धोखाधड़ी की घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं। धोखेबाज लोग अक्सर नए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करते हैं और फिर उन नंबरों को जल्दी बंद कर देते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है। इस परेशानी से निपटने के लिए दूरसंचार विभाग ने मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (Mobile Number Revocation List - MNRL) बनाई है। इसमें वे नंबर शामिल होते हैं जिन्हें धोखाधड़ी या अन्य गलत कारणों से बंद किया गया है।