Meerut Metro: कैसी होगी मेरठ मेट्रो की तस्वीर, तीन कोच वाली मेट्रो देखिए
भीड़ को मैनेज करने के लिए सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए गए हैं ताकि यात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक ना हो। मेरठ मेट्रो में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए पुश बटन के माध्यम से गेट खोलना, आपातकालीन निकास उपकरण, आग बुझाने वाले यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसी सुरक्षा सुविधाएं भी दी गई हैं।

Meerut Metro का पहला ट्रेन सेट Ghaziabad के Duhai Depot पहुंच गया है। तीन कोच वाले इस ट्रेन सेट को बड़े ट्रेलरों पर लाया गया। दुहाई के NCRTC डिपो में पहुंचने के बाद इसे असेंबल किया जाएगा और कई तरह की टेस्टिंग भी की जाएगी। इसे 27 फरवरी की रात को दुहाई डिपो पहुंचाया गया। हाल ही में एनसीआरटीसी के एमडी श्री विनय कुमार सिंह ने मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के फर्स्ट लुक का अनावरण किया था। कुछ समय पहले ही एल्स्टॉम के द्वारा गुजरात के सांवली में NCRTC को पहला ट्रेनसेट सौंपा गया था। ये पहली बार है, जब मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेन सेट दुहाई के NCRTC डिपो में पहुंचा है।
Make In India मुहिम
मेरठ मेट्रो के ट्रेन सेट को आधुनिक तरीके से Make In India मुहिम के तहत तैयार किया गया है। ये ट्रेन सेट मॉर्डन डिजाइन के साथ, कम ऊर्जा खपत वाले, लाइटवेट, रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी), और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) की तकनीक पर आधारित हैं। इस मेट्रो ट्रेन की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है। मेरठ मेट्रो का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तेज और आधुनिक परिवहन सेवा प्रदान करना है। इसके अलावा मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। आपके बता दें कि मेरठ मेट्रो कॉरिडोर 13 स्टेशनों के साथ 23 किमी की लंबाई में फैला हुआ है। वहीं मेरठ मेट्रो और सभी स्टेशनों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। देश में ऐसा पहली बार है, जब नमो भारत ट्रेनें और मेरठ मेट्रो दोनों ही दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS के इंफ्रास्ट्रक्चर पर चलेंगी। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए NCRTC ने यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) लेवल 2 को हाईब्रिड लेवल 3 के साथ लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन में लागू किया है। इससे मेरठ में RRTS और मेट्रो सेवाएं बिना रुकावट के जारी रह सकेंगी।
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मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की विशेषताएं
मेरठ मेट्रो को आधुनिक तरीके से डिजाइन किया गया है, जो यात्रियों को आराम और सुरक्षा प्रदान करता है। इस मेट्रो में एसी के साथ, आरामदायक बैठने की व्यवस्था, सामान रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग जैसी कई आधुनिक सुविधाएं हैं। मेरठ मेट्रो में 3 कार ट्रेन सेट शामिल होंगे। इसमें आधुनिक तरीके से डिजाइन की गई सीट हैं। वहीं एक ट्रेन में 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकते हैं। इस मेट्रो में मॉर्डन तकनीक से तैयार कम वजन वाले स्टेनलेस स्टील के कोच लगे हुए हैं। मेरठ मेट्रो में आरामदायक खड़े होने की जगह, सामान रैक, सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्जिंग सुविधा, गतिशील रूच मैप, इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण परिवेश प्रकाश व्यवस्था और अन्य सुविधाएं भी हैं। भीड़ को मैनेज करने के लिए सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए गए हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक ना हो। मेरठ मेट्रो में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए पुश बटन के माध्यम से गेट खोलना, आपातकालीन निकास उपकरण, आग बुझाने वाले यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसी सुरक्षा सुविधाएं भी दी गई हैं। इसके अलावा मेट्रो में आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए जगह का प्रावधान और व्हील चेयर के लिए जगह भी दी गई है।