
नौकरियां जाने वाली हैं: सैम आल्टमैन की बड़ी चेतावनी
ChatGPT के CEO सैम आल्टमैन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान नौकरियों पर AI के खतरे की बात कही है। सैम आल्टमैन ने कहा कि OpenAI GPT-5 पर काम नहीं कर रही है। इकनोमिक टाइम्स के साथ हुई बातचीत के दौरान आल्टमैन ने कहा, 'हमें उस मॉडल की शुरुआत से पहले काफी काम करना होगा।' उन्होंने यह भी कहा, 'GPT-4 को समाप्त करने के बाद, हमें इसे रिलीज करने के लिए छह महीने से भी अधिक का समय लगा।'

सैम आल्टमैन ने कहा कि OpenAI GPT-5 पर काम नहीं कर रही है। इकनोमिक टाइम्स के साथ हुई बातचीत के दौरान आल्टमैन ने कहा, 'हमें उस मॉडल की शुरुआत से पहले काफी काम करना होगा।' उन्होंने यह भी कहा, 'GPT-4 को समाप्त करने के बाद, हमें इसे रिलीज करने के लिए छह महीने से भी अधिक का समय लगा।'
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जब पूछा गया कि GPT-5 को बनाने में हो रही देरी का कारन क्या वो 'ओपन लेटर' है जो एलन मस्क सहित तमाम टेक एक्सपर्ट्स द्वारा साइन किआ गया था, तो आल्टमैन ने इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि देरी का कारण है कि 'हम नए Ideas पर काम कर रहे हैं जो हमें इसके लिए ज़रूरी लगते हैं, लेकिन हमें इसे शुरू करने में अभी और समय लगेगा'
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आल्टमैन अभी भारत यात्रा पर है इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, और कई बड़े LAWMAKERS से मुलाकात की। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य ChatGPT के प्रति लोगों का विश्वास बनाना है। उनका उद्देश्य REGULATORS को यह सुनिश्चित करना है कि कंपनी सहयोग के लिए तैयार है और AI के संभावित खतरों के बारे में सोचने की भी ज़रुरत है । AI रेगुलेशन के बारे में बात करते हुए सैम अल्टमैन ने कहा कि 'यह महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल बड़े खिलाड़ियों के लिए, "हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि छोटी कंपनियों पर कोई रेगुलेशन नहीं होना चाहिए। हमने केवल अपने और बाकी बड़ी कम्पनीज पर ही रेगुलेशन का आग्रह किया है।"

OpenAI के CEO ने AI द्वारा नौकरियों जाने की बात पर दी अपनी राय
क्या AI के कारन नौकरिया जाएँगी? इस पर आल्टमैन ने कहा, "हर टेक क्रांति नौकरी में परिवर्तन करती है। पिछली दो पीढ़ियों से, हम किसी भी काम को बदलती हुयी मार्केट के लिए अनुकूल बना सकते हैं और इससे नयी नौकरिया आएँगी और वे नौकरिया आमतौर पर पुरानी से बेहतर होंगी। यहां भी ऐसा होगा। कुछ नौकरियाँ चली जाएंगी। नई, बेहतर नौकरियां आएँगी। जब पूछा गया कि अगर वे भारत जैसे देश में एक प्रौद्योगिकी मंत्री होते तो वे क्या पर्यवेक्षण करते। तो आल्टमैन ने कहा, "जल्द ही G20 आ रहा है और भारत global conversation में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है कि AI रेगुलेशन कैसा बनना चाहिए ।