एयर प्यूरीफायर खरीदना है तो उसमें होने चाहिए ये 5 जरूरी फीचर - तभी दिल्ली एनसीआर की जहरीली हवा से बच पाएंगे
एयर प्यूरीफायर अब लक्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बन चुके हैं। लेकिन सैकड़ों ब्रांड्स के दावों के बीच सही मशीन चुनना मुश्किल हो जाता है। चलिए जानते हैं वो 5 अहम बातें, जो एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले आपको देखना चाहिए।

How to choose Best Air Purifier: दिल्ली-एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘खतरनाक’ स्तर पार कर गया है। आसमान पीला और धुंधला हो चुका है, और बाहर निकलते ही हवा में धुआं महसूस किया जा सकता है।
ऐसे में एयर प्यूरीफायर अब लक्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बन चुके हैं। लेकिन सैकड़ों ब्रांड्स के दावों के बीच सही मशीन चुनना मुश्किल हो जाता है। चलिए जानते हैं वो 5 अहम बातें, जो एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले आपको देखना चाहिए।
HEPA फिल्टर सबसे अहम
एयर प्यूरीफायर की असली ताकत उसके फिल्टर में होती है। दिल्ली जैसे प्रदूषित शहरों के लिए True HEPA H13 या H14 ग्रेड फिल्टर जरूरी है, जो 0.3 माइक्रॉन तक के 99.97% कणों को हटा सकता है। यह फिल्टर PM2.5, धूल, धुआं और कालिख जैसी बारीक गंदगी को भी साफ कर सकता है। ध्यान रहे, 'HEPA-type' या 'HEPA-like' शब्द सिर्फ मार्केटिंग ट्रिक हैं, असली HEPA नहीं।
इसके साथ एक थिक एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर भी जरूरी है, जो NO₂ और VOCs जैसी जहरीली गैसों को सोख लेता है। बेहतर प्यूरीफायर में मल्टी-स्टेज फिल्ट्रेशन होना चाहिए जैसे प्री-फिल्टर, HEPA, और कार्बन फिल्टर के साथ।
CADR और ACH पर ध्यान दें
एयर प्यूरीफायर कितना असरदार है, यह CADR (Clean Air Delivery Rate) बताता है यानी प्रति घंटे कितनी शुद्ध हवा बनाता है। 150–200 वर्ग फुट के कमरे के लिए CADR कम से कम 250 m³/h और बड़े हॉल के लिए यह 400 m³/h या अधिक होना चाहिए।
साथ ही, ACH (Air Changes per Hour) भी देखें - यानी एक घंटे में कितनी बार कमरे की हवा पूरी तरह साफ होती है। रोजमर्रा के लिए 4-5 ACH और एलर्जी/अस्थमा मरीजों के लिए 6-8 ACH बेहतर है।
मेंटेनेंस और बिजली की खपत
दिल्ली जैसी हवा में फिल्टर हर 3-6 महीने में चोक हो सकता है, भले ही ब्रांड 12 महीने का दावा करे। इसलिए रिप्लेसमेंट फिल्टर की कीमत और उपलब्धता पहले जान लें।
एयर प्यूरीफायर 24×7 चलाने पड़ते हैं, इसलिए एनर्जी एफिशिएंसी भी देखें। ज्यादा बिजली न खपाते हुए अच्छा वाला मॉडल ही खरीदें।
स्मार्ट फीचर्स का फायदा
रियल-टाइम PM2.5 सेंसर, AQI डिस्प्ले, टाइमर, स्लीप मोड और ऐप कंट्रोल जैसे फीचर्स उपयोग को आसान बनाते हैं। ये क्वालिटी पर सीधा असर नहीं डालते, लेकिन उपयोग अनुभव को बेहतर करते हैं।
ओजोन जनरेट करने वाले मॉडल से बचें
कुछ आयोनाइजर या ओजोनेटर मॉडल हवा शुद्ध करने के नाम पर ओजोन गैस छोड़ते हैं, जो फेफड़ों के लिए हानिकारक है। इसलिए हमेशा ऐसे प्यूरीफायर चुनें जो HEPA + कार्बन फिल्ट्रेशन पर आधारित हों और स्पष्ट रूप से 'Ozone-Free' लिखे हों।

