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सिम कार्ड के लिए बायोमेट्रिक पहचान जरूरी होगी

बिल में, ओवर-द-टॉप सर्विसेज जैसे ई-कॉमर्स, ऑनलाइन मैसेजिंग को टेलीकॉम सर्विसेज की परिभाषा से बाहर रखा गया है। पिछले साल जब टेलीकम्युनिकेशन बिल का ड्राफ्ट पेश किया गया था तो उसमें ओटीटी सर्विसेज भी दायरे में थी। इसे लेकर इंटरनेट कंपनीज और सिविल सोसाइटी ने भारी हंगामा किया था। इसी के बाद OTT को इस बिल से बाहर किया गया है।

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सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करने का प्रावधान है
सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करने का प्रावधान है

केंद्रीय मंत्री  Ashwini Vaishnaw ने 18 दिसंबर को लोकसभा में Telecommunication Bill 2023 के नए वर्जन को पेश किया। बिल में टेलीकॉम कंपनियों को उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करने का प्रावधान है। यह बिल सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क के टेक ओवर, मैनेजमेंट या उसे सस्पेंड करने की अनुमति देगा। यह बिल 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को बदलेगा जो टेलीकॉम सेक्टर को कंट्रोल करता है। यदि नया बिल पारित हो जाता है, तो सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के अलावा बाजार में कॉम्पिटिशन, टेलीकॉम नेटवर्क की उपलब्धता या निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एंट्री फीस, लाइसेंस फीस, पेनाल्टी आदि माफ करने की शक्ति मिल जाएगी। इस बिल में टेलीकॉम स्पेक्ट्रम के एडमिनिस्ट्रेटिव एलॉकेशन को बायपास करने का भी प्रावधान है, जिससे सर्विसेज की शुरुआत में तेजी आएगी।

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नए बिल से रिलायंस जियो, भारती एयरटेल के वनवेब और स्टारलिंक को फायदा होगा। इसमें यह भी अनिवार्य किया गया है कि कंज्यूमर्स को गुड्स, सर्विसेज के लिए विज्ञापन और प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी। इसमें यह भी बताया गया है कि टेलीकॉम सर्विसेज देने वाली कंपनी को एक ऑनलाइन मैकेनिज्म बनाना होगा, जिससे यूजर्स अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सके। इस बिल में, ओवर-द-टॉप सर्विसेज जैसे ई-कॉमर्स, ऑनलाइन मैसेजिंग को टेलीकॉम सर्विसेज की परिभाषा से बाहर रखा गया है। पिछले साल जब टेलीकम्युनिकेशन बिल का ड्राफ्ट पेश किया गया था तो उसमें ओटीटी सर्विसेज भी दायरे में थी। इसे लेकर इंटरनेट कंपनीज और सिविल सोसाइटी ने भारी हंगामा किया था। इसी के बाद OTT को इस बिल से बाहर किया गया है।