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स्टॉक, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, सिल्वर: बाजार के इस स्थिति में कहां लगाएं पैसा और क्या हो रणनीति? एक्सपर्ट से जानिए

Master Trust Group के डायरेक्टर जशन अरोड़ा ने Business Today से बातचीत में कहा कि ग्लोबल इक्विटी मार्केट में इस समय खासा उतार-चढ़ाव है, और इसका सीधा प्रभाव भारत पर भी पड़ रहा है।

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2025 के पहले सात महीनों में बेंचमार्क इंडेक्स BSE Sensex और NSE Nifty ने मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स को पीछे छोड़ते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है। 17 जुलाई तक Sensex में 5.27% की Year-to-Date (YTD) बढ़त दर्ज की गई, जबकि BSE Midcap में 1.34% और Smallcap इंडेक्स में क्रमश 0.83% की मामूली बढ़त देखने को मिली।

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ऐसे में FII द्वारा ₹80,000 करोड़ से अधिक की निकासी और ग्लोबल भू-राजनीतिक तनावों के बीच निवेशकों के लिए अहम सवाल यह है कि बाजार की ऐसी स्थिति के बीच अब दांव कहां लगाएं?

Master Trust Group के डायरेक्टर जशन अरोड़ा ने Business Today से बातचीत में कहा कि ग्लोबल इक्विटी मार्केट में इस समय खासा उतार-चढ़ाव है, और इसका सीधा प्रभाव भारत पर भी पड़ रहा है। उन्होंने हंसी मजाक में कहा कि पहले हम SGX Nifty देखते थे, आज ट्विटर पर देखते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने क्या लिखा है। 

अरोड़ा का मानना है कि अगले 18 महीने प्राइस करेक्शन की जगह टाइम करेक्शन की संभावनाएं ज्यादा हैं, जैसा कि 2011-2014 के दौरान देखा गया था। उन्होंने रिटेल निवेशकों को SIP जारी रखने की सलाह दी और कहा कि बाजार में गिरावट आने पर आक्रामक निवेश करने की सलाह दी है। 

उन्होंने बताया कि अधिकांश भारतीय निवेशकों ने कमोडिटी ETFs, खासकर सिल्वर में निवेश का मौका गंवा दिया। उन्होंने कहा कि सिल्वर में डिमांड-सप्लाई का बड़ा अंतर है। मुझे लगता है कि अगले 2-3 साल में सिल्वर, गोल्ड से बेहतर प्रदर्शन करेगा।

Jane Street मामले पर बोलते हुए अरोड़ा ने कहा कि अगर नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए योग्यता परीक्षा की मांग की, जिससे नए निवेशकों को जोखिम की जानकारी हो।

किस सेक्टर पर लगा सकते हैं दांव?

सेक्टर चुनने के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर एक अच्छा कंट्रेरियन दांव हो सकता है। वहीं IT सेक्टर को लेकर उन्होंने सावधानी बरतने को कहा, क्योंकि अमेरिका की अस्थिरता और AI के कारण इसमें अनिश्चितता है।

रियल एस्टेट में ट्रांसपेरेंसी और सीमित सप्लाई के कारण वे आशावादी हैं, जबकि ऑटो सेक्टर (EV को छोड़कर) भी अगले 2-4 साल तक बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

Master Trust Group म्यूचुअल फंड क्षेत्र में उतरने की योजना बना रहा है। अरोड़ा का मानना है कि भले ही वे थोड़े देर से आ रहे हों, लेकिन भारत में MF और ETF सेगमेंट में अभी भी अपार संभावनाएं हैं। निवेशकों को उन्होंने मल्टीकैप में निवेश या Nifty Bees/Junior Bees जैसे इंडेक्स फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह दी है।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।