इस स्मॉल कैप लॉजिस्टिक्स स्टॉक का उछला शेयर! 8% चढ़ा भाव - हाल ही में दी थी ये बड़ी जानकारी
इस कंपनी का मार्केट कैप 484.11 करोड़ रुपये है। दोपहर 12:35 बजे तक कंपनी के 97,882 इक्विटी शेयरों में ट्रेड हुआ है।

Stock on Radar: टाइगर लॉजिस्टिक्स (इंडिया) लिमिटेड (Tiger Logistics (India) Ltd) के शेयरों में आज एक बार फिर से शानदार तेजी देखने को मिली है। इस कंपनी का मार्केट कैप 484.11 करोड़ रुपये है।
खबर लिखे जानें तक शेयर दोपहर 12:44 बजे तक एनएसई पर 7.71% या 3.29 रुपये चढ़कर 45.98 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं बीएसई पर स्टॉक 6.59% या 2.83 रुपये की तेजी के साथ 45.79 रुपये पर कारोबार कर रहा था। दोपहर 12:35 बजे तक कंपनी के 97,882 इक्विटी शेयरों में ट्रेड हुआ है।
लॉजिस्टिक सेक्टर की इस स्मॉल कैप कंपनी के शेयर में तेजी के पीछे का कारण हाल ही में कंपनी की ओर से हुई बड़ी घोषणा है। दरअसल कंपनी ने 13 अक्टूबर को एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि उसने रूस की हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी कंपनी H2 Invest LLC के साथ एक MoU साइन किया है। इस समझौते का मकसद भारत में लिक्विड हाइड्रोजन को सुरक्षित तरीके से स्टोर और ट्रांसपोर्ट करने की सुविधा तैयार करना है।
यह पहली बार है जब कोई भारतीय लॉजिस्टिक्स कंपनी और अंतरराष्ट्रीय हाइड्रोजन टेक कंपनी साथ मिलकर भारत में हाइड्रोजन सप्लाई चेन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस साझेदारी के तहत:
- भारत में क्रायोजेनिक टैंकों (Cryogenic Tanks) की शुरुआत की जाएगी, जो लिक्विड हाइड्रोजन को स्टोर और ट्रांसपोर्ट करने में काम आते हैं।
- H2 Invest की CryoSafe टेक्नोलॉजी को भारत के हाइड्रोजन नेटवर्क में शामिल किया जाएगा।
- लिक्विड हाइड्रोजन को ट्रक, ट्रेन और कंटेनर शिप के ज़रिए एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकेगा।
- यह साझेदारी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और बड़े प्रोजेक्ट्स के संयुक्त क्रियान्वयन का भी रास्ता खोलेगी।
कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, हरप्रीत सिंह मल्होत्रा ने कहा कि हाइड्रोजन भविष्य की ऊर्जा है, और इसे सुरक्षित और सही तरीके से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना भारत के क्लीन एनर्जी सपने को साकार करने के लिए बहुत जरूरी है। हमारी H2 Invest के साथ ये साझेदारी, दुनिया की हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी और भारत की लॉजिस्टिक्स ताकत को एक साथ लाकर, इंडस्ट्री के लिए ऐसे समाधान बनाएगी जो सस्टेनेबल भी हों और बड़े स्तर पर लागू किए जा सकें।