आरबीआई एमपीसी की बैठक आज से शुरू, रेट कट हुआ तो इन स्टॉक्स में आएगी रैली
रेपो रेट वर्तमान में 6% पर है। अगर आरबीआई फिर से ब्याज दरों में कटौती करता है यह लगातार तीसरी बार होगा जब रिजर्व बैंक रेपो रेट को घटाएगा। अगर रेपो रेट कम होता है तो इन शेयरों में तेजी आ सकती है।

RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की आज तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में रेपो दर में कटौती हो सकती है, जो वर्तमान में 6% है। अगर ऐसा होता है तो यह लगातार तीसरी दर कटौती होगी।
बाजार को 25 से 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की उम्मीद है क्योंकि महंगाई में कमी आ रही है और धीमी आर्थिक वृद्धि के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं।
बाजार को क्या उम्मीदें?
राइट होराइजन्स पीएमएस के फाउंडर और फंड मैनेजर अनिल रेगो ने कहा कि रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती करके इसे 5.75% पर लाना संभव है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति अब कंट्रोल में है और कमजोर आर्थिक वृद्धि के संकेत हैं, इसलिए आरबीआई एक और दर कटौती के साथ अर्थव्यवस्था को सहारा देने का विकल्प चुन सकता है।
उन्होंने बताया कि हेडलाइन सीपीआई मुद्रास्फीति आरबीआई के 4% लक्ष्य से नीचे आ गई है , जिससे केंद्रीय बैंक को दरों में कटौती करने के लिए और अधिक गुंजाइश मिलती है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ में नरमी दिख रही है, और वैश्विक व्यापार 2025 में और धीमा होने की उम्मीद है।
उन्होंने यह भी बताया कि बैंकों ने पहले ही ब्याज दरें कम करना शुरू कर दिया है। रेगो ने कहा कि बचत खाते की ब्याज दरें 2.70% तक गिर गई हैं, और एफडी दरों में फरवरी 2025 से 30-70 बेसिस प्वाइंट की कमी आई है।
एक्सपर्ट के मुताबिक अब लिक्विडिटी और वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंताएं कम हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य के भीतर रहने की संभावना है, जिससे केंद्रीय बैंक के लिए ब्याज दरों में कटौती करना आसान हो जाएगा।"ॉ
रेट कट होने से कौन से सेक्टर्स को हो सकता है फायदा?
कम ब्याज दरें अक्सर उन क्षेत्रों की मदद करती हैं जो उधार और लोन पर निर्भर होते हैं। रेगो ने कहा कि बैंकिंग, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स को लाभ हो सकता है। बैंकों में मजबूत लोन मांग देखी जा सकती है, रियल एस्टेट अधिक किफायती हो सकता है, और सस्ती ईएमआई के कारण कार की बिक्री बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि घरेलू खर्च और उधार से जुड़े क्षेत्रों को सबसे पहले लाभ मिल सकता है। ब्याज दरों में कटौती से यह भी पता चलेगा कि केंद्रीय बैंक विकास को बढ़ावा देना चाहता है, जिससे बाजार का भरोसा बढ़ सकता है।
मैन्यूफैक्चरिंग और Capex पर प्रभाव
ग्रीन पोर्टफोलियो पीएमएस के फाउंडर और फंड मैनेजर दिवम शर्मा ने भी कुछ इसी तरह की राय दी है। उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कटौती से उधार लेने की लागत कम होगी और विस्तार पर बड़ा खर्च करने की योजना बनाने वाली कंपनियों को मदद मिलेगी।
दिवम शर्मा के मुताबिक अगर रेपो रेट और कम होता है तो 5जी, डिफेंस और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों को फायदा हो सकता है। इन क्षेत्रों में भारी Capex की जरूरत होती है। अगर दरें कम होती हैं, तो कंपनियों के लिए लोन लेना और अपनी विकास योजनाओं को आगे बढ़ाना आसान हो जाता है।
इन स्टॉक्स में आ सकती है रैली
सेबी रजिस्टर्ड रिसर्चर और स्टॉक मार्केट टुडे के को-फाउंडर वीएलए अंबाला ने कुछ ऐसे शेयरों के बारे में बताया है जिनमें ब्याज दरों में कटौती के बाद तेजी आ सकती है। वीएलए अंबाला ने कहा कि यदि यह बैठक ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में होती है, तो बैंकिंग, एनबीएफसी, इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट जैसे ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील शेयरों में तेजी देखी जा सकती है।
अंबाला ने कहा कि एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, मुथूट फाइनेंस, गोदरेज प्रॉपर्टीज, एक्साइड इंडस्ट्रीज, आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी, गांधी स्पेशल ट्यूब्स और रामा स्टील ट्यूब्स जैसे शेयरों को रेपो रेट में कटौती के बाद फायदा हो सकता है।