scorecardresearch

'IPO का 'खेला' गुजरातियों के जीन्स में है', Nithin Kamath ने कह दी बड़ी बात

एक्स पर एक पोस्ट में नितिन कामथ ने लिखा, "IPO फ्लिपिंग (ट्रेडिंग) गुजराती जीन में है," कामथा का ये पोस्ट सेबी की उस रिसर्च के बाद आया है जिसमें सेबी ने कहा था कि 54% IPO शेयर, जिन्हें एंकर निवेशकों को आवंटित नहीं किया गया था, वे लिस्ट होने के एक हफ्ते के भीतर फ्लिप कर दिए गए थे।

Advertisement
Zerodha co-founder Nithin Kamath clarified that there was no policy to not hire IIT, IIM students in the company.
Zerodha co-founder Nithin Kamath clarified that there was no policy to not hire IIT, IIM students in the company.

Zerodha के Nithin Kamath ने एक पोस्ट में SEBI की IPO में की गई रिसर्च पर बड़ी बात कही है। कामथ ने कहा कि गुजरात, जो भारत के कुल निवेशक की संख्या का केवल 9% है, वह रिटेल और हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल (HNI) श्रेणियों में 40% हिस्सा रखता है, मतलब नई आईपीओ में गुजरातियों की भागदारी 40 परसेंट तक होती है।

advertisement

सम्बंधित ख़बरें

एक्स पर पोस्ट

एक्स पर एक पोस्ट में नितिन कामथ ने लिखा, "IPO फ्लिपिंग (ट्रेडिंग) गुजराती जीन में है," कामथा का ये पोस्ट सेबी की उस रिसर्च के बाद आया है जिसमें सेबी ने कहा था कि 54% IPO शेयर, जिन्हें एंकर निवेशकों को आवंटित नहीं किया गया था, वे लिस्ट होने के एक हफ्ते के भीतर फ्लिप कर दिए गए थे।

सेबी की रिसर्च

सेबी की रिसर्च कहती है कि व्यक्तिगत निवेशकों ने अपने आवंटित शेयरों का 50.2% बेच दिया, जबकि हाई-नेट-वर्थ निवेशकों ने अपने शेयरों का मूल्य के हिसाब से 63.3% हिस्से को बेचा। रिटेल निवेशकों ने भी इसी पैटर्न का पालन किया, उन्होंने अपनी होल्डिंग्स का 42.7% बेच दिया। दिलचस्प बात यह है कि म्यूचुअल फंड्स ने एक बिल्कुल अलग दृष्टिकोण अपनाया, अपने शेयरों को लंबे समय तक होल्ड किया और एक सप्ताह के भीतर केवल लगभग 3.3% शेयर बेचे। दूसरी ओर, बैंकों ने तेजी से बाहर निकलते हुए इसी अवधि में अपने 79.8% शेयर बेच दिए। 

गुजरातियों की हिस्सेदारी

IPO भागीदारी में गुजरात का डिमोनेंस और भी स्पष्ट हो जाता है, जब हम इसके रिटेल निवेशकों के पैटर्न को देखते हैं।  रिटेल सेगमेंट में गुजरातियों का हिस्सा 39.3% है, जो महाराष्ट्र (13.5%) और राजस्थान (10.5%) जैसे अन्य राज्यों से काफी आगे है। COVID के बाद के युग में नए डिमैट खातों में भारी वृद्धि देखी गई, जिसमें अप्रैल 2021 और दिसंबर 2023 के बीच खोले गए लगभग आधे खाते IPO के लिए आवेदन कर रहे थे।

हालांकि सेबी ने अप्रैल 2022 में कुछ बदलाव किए। जिससे ओवरसब्सक्रिप्शन दरों में कमी आई और बड़े निवेशकों से आवेदन में उल्लेखनीय गिरावट आई। लेकिन इसके बावजूद गुजराती निवेशक आईपीओ में बड़ा खेला कर ही जाते है।
 

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।