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प्रॉपर्टी के बाजार में कौन लाया तूफानी तेजी?

भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में आई तेजी का असर दुनियाभर में देखा जा रहा है। भारत में अब NRIs का निवेश पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हो गया है। खासकर बीते 20 महीनों के दौरान इसमें काफी तेजी आई है। आइये आंकड़ों के जरिए समझते हैं।

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प्रॉपर्टी के बाजार में तूफानी तेजी
प्रॉपर्टी के बाजार में तूफानी तेजी

भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में आई तेजी का असर दुनियाभर में देखा जा रहा है। भारत में अब NRIs का निवेश पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हो गया है। खासकर बीते 20 महीनों के दौरान इसमें काफी तेजी आई है। आइये आंकड़ों के जरिए समझते हैं। 

NRIs का भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश

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पिछले करीब पौने दो साल में NRIs का भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश 15 से 20 फीसदी तक बढ़ा है। 2023 में NRIs ने रियल एस्टेट सेक्टर में 13 अरब डॉलर का भारी भरकम निवेश किया था जो 2025 तक इस सेक्टर में तेजी का मजबूत संकेत दे रहा है। माना जा रहा है कि देश के कुल रियल एस्टेट निवेश में NRIs की भागीदारी पहले के 10 से 15 फीसदी से बढ़कर 20 परसेंट हो सकती है।

भारत की तेजी से बढ़ती इकॉनमी

जानकारों के मुताबिक हर तिमाही में कुल बिक्री में NRIs की 15-20 फीसदी हिस्सेदारी रहती है। अब भारत की तेजी से बढ़ती इकॉनमी, रेरा कानून से बढ़ी पारदर्शिता और प्रॉपर्टी की वैल्यू में आ रही तेजी इस निवेश को बढ़ा रही है। हालिया डेटा के मुताबिक 2022 के मुकाबले 2023 में देश में NRIs का निवेश बढ़ा है और ये ट्रेंड 2024 की पहली छमाही में भी नजर आया है। 
NRIs का निवेश बढ़ने की वजह केवल वही ब्रांड्स हैं जो समय पर प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी देते हैं और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। वो ऐसे प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाना पसंद करते हैं जहां पर पारदर्शिता है और ब्रांड को अपनी छवि को लेकर सजग रहते हैं। 

डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही कमजोरी

खास बात है कि अब भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती ग्रोथ NRIs को भारत में निवेश करने के साथ ही उन्हें यहां वापस सेटल होने की भी वजह बन रही है। डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही कमजोरी भी NRIs को भारत में बसने के लिए ज्यादा पैसा मुहैया करा रही है। इसके साथ ही अपने परिवार के नजदीक रहने और उनका ख्याल रखने के लिए भी NRIs वापस भारत आ रहे हैं।
अगर भारत में NRIs की पसंदीदा प्रॉपर्टीज की बात की जाए तो वो 90 लाख से डेढ़ करोड़ की बीच की कीमत के अपार्टमेंट्स को खरीदते हैं। उनके कुल निवेश का 20 फीसदी हिस्सा डेढ़ से ढाई करोड़ कीमत के अपार्टमेंट्स को खरीदने में जाता है। जबकि काफी कम NRIs ढाई करोड़ से महंगे घर खरीदते हैं।

इस ट्रेंड से संकेत मिलता है कि NRIs को बड़े साइज के लग्जरी घरों की जरुरत है जहां प्राइवेसी के साथ साथ आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद होती हैं। इसके अलावा ये लोग स्काई विलाज और पेंटहाउस भी खरीदने में दिलचस्पी रखते हैं।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।