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ICICI Securities ने प्रीमियर एनर्जीज पर दिया BUY कॉल! कहा- सरकार के इस फैसले से कंपनी का हो प्रॉफिट

ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने एक ड्राफ्ट प्रस्ताव रखा है जिसके तहत जून 2028 से सभी नए ग्रिड-कनेक्टेड प्रोजेक्ट्स को अनिवार्य रूप से घरेलू वेफर और इंगॉट खरीदने होंगे।

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Premier Energies: सोलर एनर्जी सॉल्यूशन प्रोवाइडर प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड (Premier Energies Ltd) के शेयर पर दिग्गज ब्रोकरेज फर्म ICICI Securities ने एक बुलिश रिपोर्ट जारी करते हुए BUY कॉल दिया है। 

ब्रोकरेज ने कहा कि भारत की सोलर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री अगले कुछ वर्षों में बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने एक ड्राफ्ट प्रस्ताव रखा है जिसके तहत जून 2028 से सभी नए ग्रिड-कनेक्टेड प्रोजेक्ट्स को अनिवार्य रूप से घरेलू वेफर और इंगॉट खरीदने होंगे।

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रोडमैप तैयार

सरकार ने सोलर पैनल बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान की घरेलू खरीद को बढ़ावा देने के लिए एक साफ और तय रोडमैप तैयार किया है। इसके मुताबिक, अप्रैल 2024 से सोलर मॉड्यूल की घरेलू खरीद जरूरी कर दी गई है। इसके बाद, जून 2026 से सोलर सेल भी भारत में बनी होनी चाहिए।

सरकार ने इसके लिए पहली मंजूरी वाली लिस्ट भी तैयार की है, जिसमें करीब 13 गीगावॉट की क्षमता शामिल है। इसमें Premier Energies की 2 गीगावॉट और Adani Enterprises की करीब 4 गीगावॉट क्षमता है।

अगला बड़ा कदम जून 2028 में आएगा, जब सोलर पैनल के और भी जरूरी हिस्से जैसे वेफर और इंगॉट भी भारत में बनने अनिवार्य हो जाएंगे। सरकार का साफ कहना है कि अगर कोई कंपनी मंजूरी वाली लिस्ट से वेफर नहीं खरीदेगी, तो उसे लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा। मतलब, जो कंपनी नियम नहीं मानेगी, वो सरकारी प्रोजेक्ट्स में अपना सामान नहीं बेच पाएगी।

ICICI Securities का विश्लेषण

ब्रोकरेज का कहना है कि पूरे वैल्यू चेन में इंटीग्रेशन रखने वाले प्लेयर्स को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इसी आधार पर ब्रोकरेज ने Premier Energies पर पॉजिटिव रुख दोहराते हुए कहा कि इस कंपनी को नए नियमों से प्रॉफिट होगा। Premier Energies फिलहाल करीब 2GW क्षमता के साथ मंजूरी लिस्ट में है।

ICICI Securities का अनुमान है कि जून 2028 तक कई कंपनियां वेफर क्षमता स्थापित कर लेंगी। इसके चलते छोटे खिलाड़ियों के बाहर होने और बड़े इंटीग्रेटेड खिलाड़ियों की स्थिति मजबूत होने की संभावना है।

अब तक सरकार की पहल

  • PLI योजना: ₹20,000 करोड़ का इंसेंटिव घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए
  • मॉड्यूल निर्माताओं की मंजूरी लिस्ट (ALMM) का प्रकाशन
  • डोमेस्टिक सेल्स प्रोक्योरमेंट को जून 2026 से लागू किया जाएगा
  • बैकवर्ड इंटीग्रेशन पर साफ़ फोकस, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।