2 सितंबर को कैसी रहेगी बाजार की चाल?
2 सितंबर को बाजार की चाल कैसी रह सकती है? इसका जवाब के लिए पहले शुक्रवार की चाल को समझते हैं।

2 सितंबर को बाजार की चाल कैसी रह सकती है? इसका जवाब के लिए पहले शुक्रवार की चाल को समझते हैं। अगर शुक्रवार की बात की जाए तो सेंसेक्स 231 प्वाइंट चढ़कर 82,366 पर बंद हुआ। तो वहीं निफ्टी 84 प्वाइंट चढ़कर 25,236 पर बंद हुआ था। अगर निफ्टी बैंक की चाल को देखें तो 198 प्वाइंट चढ़कर 51,351 पर बंद हुआ। फार्मा, रियल्टी, PSE शेयरों में भी खरीदारी रही, तो वहीं तेल-गैस, निफ्टी बैंक इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी ओर सबसे ज्यादा दबाव FMCG शेयरों में देखने को मिला।
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कैसी रहेगी 2 सितंबर को चाल?
Geojit Financial Services के Head of Research विनोद नायर का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में मौजूदा US फेड के जरिए सितंबर में ब्याज दरों में कटौती के संकेत से माहौल अच्छा है। अमेरिका और भारतीय बाजारों ने हाल ही में अपने उच्चतम स्तरों पर पहुंचाता दिखा है। घरेलू बाजार काफी मजबूत दिख रहे हैं। लेकिन भारतीय Q1 के GDP आंकड़ों का असर बाजार पर देखने को मिल सकता है। ऐसे में प्रीमियम वैल्यूएशन और बाजार में किसी नए ट्रिगर्स की कमी के चलते वैल्यू स्टॉक में और तेजी देखने को मिल सकती है।
Kotak Securities के VP-Technical Research अमोल अठावले का कहना
Kotak Securities के VP-Technical Research अमोल अठावले का कहना है कि टेक्निकली देखा जाए वीकली चार्ट पर बुलिश कैंडल और इंट्रा डे चार्ट्स पर हायर बॉटम फॉर्मेशन बनता दिख रहा है, जो एक पॉजिटिव संकेत हैं। बाजार का बुलिश टेक्चर आगे भी जारी रह सकता है। हायर साइड में 25350-25500 / 82800-83300 महत्वपूर्ण रजिस्ट्रेंस और निचले स्तर पर 25000/80800 के ट्रेंड दिखा रहा है। वहीं Bank Nifty में अब 50 day SMA (Simple Moving Average) या 51550 immediate resistance zone बन रहा है।
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इक्विटी में FPI निवेश हाल ही में लगातार कम
Dr. V K Vijayakumar, Chief Investment Strategist, Geojit Financial Services का कहना है कि इक्विटी में FPI निवेश हाल ही में लगातार कम हो रहा है, जुलाई में 32365 करोड़ रुपये की तुलना में अगस्त में सिर्फ 7320 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। FPI की कम दिलचस्पी का मूल कारण भारतीय बाजार में हाई वैल्यूएशन है। निफ्टी अब अनुमानित वित्त वर्ष 25 की अर्निंग से 20 गुना अधिक पर कारोबार कर रहा है, भारत अब दुनिया का सबसे महंगा बाजार है। FPI के पास बहुत सस्ते बाजारों में निवेश करने के अवसर हैं और इसलिए उनकी प्राथमिकता भारत के अलावा अन्य बाजार हैं।