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क्या बाजार में बड़ी गिरावट के पीछे RBI के फैसले भी हैं बड़ी वजह ?

साल 2024 के पहले चार महीनों से अबतक सिर्फ Financial Services स्टॉक से -45,863 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। उसके बाद नंबर आता है FMCG कंपनियों का। इस साल की शुरुआत से अबतक FMCG से करीब 8800 करोड़ की बिकवाली हुई है।

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Financial Services कंपनियों पर RBI की कार्रवाई
Financial Services कंपनियों पर RBI की कार्रवाई

भले ही शुक्रवार को बाजार 22,000 के लेवल बचाने में कामयाब रहा हो। लेकिन अभी भी बाजार में बड़े डर का माहौल है। इस गिरावट के पीछे आखिर कौन है?

चुनाव का असर

आप सोच रहेंगे चुनाव का असर बाजार पर देखने को मिल रहा है, वो तो हैं ही कारण। लेकिन एक और बड़ा कारण है RBI के फैसले। आप कहेंगे कि RBI के फैसले के चलते बाजार में बिकवाली क्यों हावी हुई तो, इसके जवाब को बहुत गौर से समझना चाहिए। हम लगातार देख रहे हैं कि विदेशी संस्थागत निवेशक यानि FIIs लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक अच्छा खासा पैसा विदेशी निवेशकों ने भारत से निकाला है और जानते हैं किस सेक्टर से निकाला है?

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फाइनेंशिय सेक्ट

फाइनेंशिय सेक्टर, जो सीधा RBI के तहत आता है। पिछले कुछ समय से हम देख रहे हैं कि RBI काफी एक्टिव है। थोडी सी कमी या अनियमिताओं पर तुरंत कार्रवाई हो रही है। पिछले कुछ दिनों में रिजर्व बैंक ने कई लिस्टेड बैंक, एनबीएफसी और फिनटेक पर कार्रवाई की है। जिसका असर स्टॉक में गिरावट प्लस बिकवाली के तौर पर देखने को मिला है।

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वित्तीय सेवाएं

साल 2024 के पहले चार महीनों से अब तक सिर्फ Financial Services स्टॉक से -45,863 करोड़ रुपये निकाले गए हैं।  उसके बाद नंबर आता है FMCG कंपनियों का। इस साल की शुरुआत से अब तक FMCG से करीब 8800 करोड़ की बिकवाली हुई है। सोचिए कितना बड़ा अंतर है। फाइनेंशिय सेक्ट स्टॉक में 45,863 की बिकवाली तो वहीं FMCG में 8800 करोड़ निकाला है। मार्च की तिमाही में HDFC बैंक में FIIs के जरिए सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिली। मार्च महीने में निजी क्षेत्र में भारत के सबसे बड़े बैंक के 29 करोड़ शेयर बेचे गए। इसी दौरान FIIs ने कोटक महिंद्रा बैंक के 4.26 करोड़ शेयर और एक्सिस बैंक के 2.8 करोड़ शेयर भी बेचे।

RBI की कार्रवाई

हाल के महीनों में तमाम दिग्गज से लेकर छोटी Financial Services कंपनियों पर RBI की कार्रवाई हुई। जिसमें बजाज फाइनेंस, IIFL फाइनेंस और JM फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, फेडरल बैंक और साउथ इंडियन बैंक जैसे बैंकों और पेटीएम जैसे फिनटेक के खिलाफ नियमों की अनदेखी करने को लेकर कार्रवाई की गई है। RBI की तरफ से इन संस्थानों पर रेग्युलेटरी नियमों की अनदेखी, ग्राहक शिकायतों पर ध्यान नहीं देने, डेटा गोपनीयता, अपने ग्राहक को जानें यानि KYC और एंटी मनी-लॉन्ड्रिंग नियम की अनदेखी पर कार्रवाई हुई।

एफआईआई की बिक्री

विदेशी निवेशकों ने इस साल जनवरी में 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम निकाली। इसी साल फरवरी में भी उन्होंने लगभग 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री की। इसके बाद मार्च में FII नेट परचेजर या खरीदार रहे। लेकिन अप्रैल में एक बार फिर उन्होंने बेचने का बटन दबा दिया। बीते अप्रैल महीने के दौरान एफआईआई की बिक्री करीब 9,300 करोड़ रुपये की थी। तो वहीं दूसरी ओर देखें तो विदेशी निवेशकों ने जो सबसे ज्यादा खरीदारी की है वो सेक्टर है टेलिकॉम्यूनिकेशन, इस साल से अबतक करीब 15000 करोड़ का निवेश किया गया है।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।